झारखंड और बिहार की ब्यूरोक्रैसी में बड़ा फर्क, घाटे में बिहार
बिहार के डीएम व झारखंड के डीसी में बड़ा फर्क है। झारखंड के डीसी रोज अपने कार्य की जानकारी ट्वीट करते हैं। बिहार के डीएम क्या कर रहे हैं, यह नहीं जान सकते।
बिहार और झारखंड की ब्यूरोक्रैसी की कार्यशैली में बड़ा फर्क है। झारखंड में जिले के सबसे बड़े अधिकारी को डीसी कहते हैं और बिहार में डीएम। झारखंड के सभी जिलों के डीसी प्रायः रोज ही ट्वीट करते हैं, जिसमें जन कल्याण के कार्यक्रम की जानकारी रहती है। हाल में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पूरी ब्यूरोक्रैसी जनता की परेशानी दूर करने में लगी थी। इसका लाभ वहां की जनता को मिला। लोग सीधे कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे।
बिहार में स्थिति उलटी है। यहां के डीएम तीन-चार महीने पर ट्वीट करते हैं, इससे पता नहीं चलता कि जिले के सबसे बड़े अधिकारी क्या कर रहे हैं, किस योजना को लागू करने में लगे हैं। आम आदमी को सरकार की योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती।
पटना डीएम ने 7-8-9 दिसबंर को लगातार ट्वीट किए। उन्होंने तीन दिनों में नौ ट्विट किए, इससे आम लोग जान पाए कि जिलाधिकारी प्रकाश पर्व को लेकर पटना साहिब गुरुद्वारे में पूरी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने फोटो भी शेयर किया। लोगों को अच्छा लगा। इससे पहले पटना डीएम ने जुलाई में ट्वीट किया था। बीच के चार महीनों में उनका कोई ट्वीट उनके ट्विटर हैंडल पर नहीं है।
झारखंड की राजधानी रांची के डीसी ने दिसंबर में हर दिन ट्वीट करके सरकार की योजनाओं, जिला प्रशासन के कार्यक्रम की जानकारी दी है। सोशल मीडिया के जरिये लोगों को सरकार की योजनाओं की जानकारी देना झाऱखंड के हर डीसी के रोजमर्रे की ड्यूटी में शामिल लगता है। इससे वहां के आम नागरिक न सिर्फ सरकारी योजनाओं से परिचित होते हैं, बल्कि लाभ भी ले पाते हैं। ऐसा होने पर बिचौलियों की पूछ कम हो जाती है। पारदर्शिता से भ्रष्टाचार की आशंका भी कम होती है।
गूगल पर आप रांची जिला प्रसासन के पेज पर जाएं, तो जिले की जानकारी के अलावा एक तरफ सोशल मीडिया के लिंक हैं, जिसे क्लिक करके आप सीधे जिला प्रशासन को ट्वीट कर सकते हैं। बिहार के गया जिले का पेज नौकरशाही डॉट कॉम ने चेक किया, वहां ऐसा कोई लिंक नहीं है, जिससे आप अपनी पीड़ा सीधे प्रसासन को पहुंचा सकें। ट्विटर पर सर्च वाली जगह पर गया डीएम टाइप करने पर ऐसा कोई ट्विटर अकाउंट नहीं मिला। यह भी सवाल है कि क्या बिहार के सारे जिलाधिकारी ट्विटर पर हैं भी या नहीं।
झाऱखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद भी ट्विटर पर सक्रिय हैं, रोज ही ट्वीट करते हैं, पर बिहार के मुख्यमंत्री उस तरह से सक्रिय नहीं हैं। उम्मीद है नौकरशाही डॉट कॉम की आवाज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचेगी और बिहार के आम नागरिकों को लाभ मिलेगा।
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