Jharkhand : BJP की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हेमंत सोरेन
Jharkhand के गांवों में मुख्यतः आदिवासी और पिछड़े समाज के लोग रहते हैं। हेमंत सरकार की ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ से भाजपा की जड़ें हिलीं।
झारखंड की हेमंत सरकार ने ‘आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम शुरू किया है, जो काफी सफल है। रोज ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जिसमें झारखंडी समाज के सबसे गरीब तबके तक सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है। जामताड़ा में 100 फीसदी दिव्यांग देवकी नंदन केडिया के लिए प्रशासन ने केवल 10 मिनट में पेंशन की सारी प्रक्रिया पूरी कर दी। यही नहीं, अधिकारियों ने देवकीनंदन के घर पहुंच कर पेंशन के कागज सौंपे।
भाजपा का आधार गांवों में भी रहा है। आदिवासियों और पिछड़ों में उसने खासा आधार बनाया है। उसके कई सांसद-विधायक जीतते रहे हैं। हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने के बाद भाजपा को गांवों में विस्तार का कोई मौका नहीं दिया है। और अब तो हेमंत सोरेन ने #आपकेअधिकार_आपकेद्वार कार्यक्रम के जरिये भाजपा की जड़ों में मट्ठा डालने का काम किया है। भाजपा परेशान है और वह अब तक काट नहीं खोज पा रही है। जिस तरह हेमंत सोरेन लगातार झारखंड के गांवों के आदिवासी-पिछड़े समाज के लिए रणनीति के साथ काम कर रहे हैं, उससे भाजपा के लिए स्पेश कम होता जा रहा है।
आज खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया-हमारे प्रतिद्वंदी कहते हैं कि मैं गरीबों के आँसू क्यूँ पोछता हूँ? उनके घर अनाज क्यूँ पहुँचाता हूँ? उन्हें पेंशन और राशनकार्ड क्यूँ देता हूँ? यह चाहते नहीं कि राज्य के लोगों को उनका अधिकार मिले। इनकी इसी मानसिकता ने लोगों को वर्षों शोषित होने को मजबूर किया।
हेमंत सोरेन के शब्दों पर ध्यान दीजिए। जो झारखंड के इतिहास से वाकिफ हैं, वे हेमंत सोरेन के शब्दों के अर्थ समझ सकते हैं। सोरेन ने मानसिकता पर हमला किया। यह मानसिकता बहुत पुरानी है। आदिवासी समाज को इसी मानसिकता के कारण शोषण का शिकार होना पड़ा।
हेमंत सोरेन उस मॉडल के खिलाफ हैं, जो विकास का मतलब शहरों में फ्लाई ओवर और चमक-दमक पर जोर देती है। वे विकास के उस मॉडल पर जोर दे रहे हैं, जिसमें मानव सूचकांक पर जोर दे रहे हैं। उनके विकास मॉडल के केंद्र में प्रदेश का आदिवासी-पिछड़ा समाज है। भाजपा की परेशानी इसी कारण है।
कठिन दौर में स्वागतयोग्य है तेजस्वी आपका यह कदम