जनदबाव पर झारखंड सरकार के भी होश ठिकाने आ गये, ट्रैफिक जुर्माने में की कटौती, सजा का प्रावधान भी खत्म
गुजरात के बाद भाजपा शासित झारखंड भी केंद्र सरकार के वाहन संशोधन अधिनियम में बदलाव करने पर मजबूर हो गया है. ऱघुबर सरकार ने भारी जुर्माने की राशि में कटौती के साथ सजा के प्रावधान भी हटा दिया है.
काबिले जिक्र है कि नये ट्रैफिक नियमों के अनुपालन के बाद देश के अन्य राज्यों के साथ झारखंड में भी भारी बवाल हुआ था. इससे जनदबाव इतना बढ़ा था कि राज्य सरकार ने तीन महीने तक नये ट्रैफिक नियम को लागू करने से रोक दिया था. ध्यान रहे कि विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि झारखंड में चुनाव के मद्देनजर सरकार जनदबाव से डर गयी है.
अब रघुबर सरकार नया संशोधन ले कर आयी है.
सरकार ने अपने स्तर से झारखंड राज्य के लिए दंड में कुछ कमी की है. कुछ मामलों में सिर्फ जुर्माने का प्रावधान रखते हुए जेल भेजने का प्रावधान खत्म किया गया है. इससे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.
सजा का प्रावधान खत्म हुआ
यातायात नियम के उल्लंघन में पहली गलती पर 500 की सजा था अब इसे 150 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह दूसरी व इससे ज्यादा बार यातायात नियम उल्लंघन पर 1500 रुपये के बदल अब 500 का जुर्माना लगाया जायेगा. इसी प्रकार बिना परमिट भाड़े वाले वाहनों में यात्री बैठाने पर 500 की जगह अब 300 रुपये भरने पड़ेंगे.
यह बदलाव
सुरक्षा निर्देशों को मिटाने पर 1000 व तीन माह की जेल का प्रावधान था लेकिन अब सिर्फ 1000 रुपये जुर्माना देना होगा.
-खतरनाक ड्राइविंग पर पहली बार में एक से पांच हजार व छह माह जेल की सजा थी लेकिन एक हजार का जुर्माना देना होगा. इसी तरह खतरनाक ड्राइविंग दूसरी बार दो हजार और दो साल तक की सजा के बदले अब सिर्फ 10 हजार दंड शुल्क देना होगा.
जबकि लाइसेंस की अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग करने पर पहले दस हजार व तीन माह की सजा के बदले अब सिर्फ 10 हजार दंड शुल्क देना होगा. सजा का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है.