लगता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ बिहार में दोस्ती, झारखंड में दुश्मनी वाली चाल चल रहे हैं। नीतीश कुमार के इस रूख से भाजपा को नई परेशानी हो सकती है। झारखंड जदयू के अध्यक्ष खीरू महतो ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मुलाकात की। उनके साथ झारखंड जदयू के अन्य नेता भी थे। देर तक चली वार्ता के बाद खीरू महतो ने पटना में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी सीटों पर तैयारी कर रही है। पार्टी इस बार मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री से सकारात्मक बात हुई है। खीरू महतो के इस बयान से भाजपा की परेशानी बढ़ना स्वाभिवक है।
जानकारी मिली है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू कम से कम 12 सीटें चाहती हैं। इतनी सीटें देना भाजपा के लिए मुश्किल है। राज्य में कुल सीटें 82 हैं। फिलहाल भाजपा के 26 विधायक हैं। भाजपा खुद ही अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
जदयू ने भाजपा पर दबाव बना दिया है। अगर भाजपा सीटें नहीं देती है, तो जदयू अलग से भी चुनाव लड़ सकता है, वैसी स्थिति में भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं अगर दो-तीन सीटों पर जदयू नेतृत्व मान जाता है, तो पार्टी के कई प्रत्याशी बागी हो सकते हैं। जो नेता साल भर से तैयारी कर रहे हैं, अचानक मना करने से भी वे मानेंगे नहीं। वैसी स्थिति में झारखंड में जदयू की एकता बनाए रखना चुनौती होगी।
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इससे पहले जदयू ने उप्र में भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया। लेकिन आज की स्थिति बदली हुई है। भाजपा को केंद्र में अकेले बहुमत नहीं है और वह जदयू पर निर्भर है। ऐसे में जदयू की बारगेनिंग पावर बढ़ी है। जदयू इस स्थिति का फायदा उठाना चाहेगा। नए कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के लिए भी झारखंड चुनाव में अपनी ताकत दिखाना जरूरी है।
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