‘जिस बूथ पर कांग्रेस को वोट नहीं, उसके अध्यक्ष को 50 हजार इनाम’
‘जिस बूथ पर कांग्रेस को वोट नहीं, उसके अध्यक्ष को 50 हजार इनाम’। भाजपा के बड़े नेता और मप्र में प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के ऑफर से हंगामा।
भाजपा के बड़े नेता और मप्र विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी चुनावी सभा में कहा कि जिस बूथ पर कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिलेगा, उसके अध्यक्ष को 50 हजार इनाम देंगे। उनकी इस घोषणा से हंगामा हो गया है। इसे खुलेआम घूसखोरी कहा जा रहा है। चुनाव में भ्रष्टाचार का यह नया नमूना भाजपा नेता ने पेश किया है। हालांकि अभी चुनाव घोषित नहीं हुए हैं और आचार संहिता लागू नहीं हुई हुई है, फिर भी यह नैतिक और कानूनी दोनों रूपों में गलत है।
भाजपा ने चुनाव को धनबल से किस प्रकार प्रभावित करने की तैयारी की है यह उलका नमूना है। भाजपा ने चुनाव को मजाक बना कर रख दिया है। कई लोगों ने भाजपा नेता की इल घोषणा पर सख्त एतराज जताया है। पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी चुनाव की तारीख़ों का ऐलान नहीं हुआ। लिहाज़ा आचारसंहिता नहीं लगी है लेकिन कैलाश विजवर्गीय का ये ऑफ़र RP Act का उल्लंघन है। पत्रकार कृष्णकांत ने लिखा कैलाश विजयवर्गीय खुलेआम मतदाताओं को पैसे की पेशकश कर रहे हैं। विधायक छुपकर खरीदा, मतदाता खुलेआम खरीद रहे हैं। @ECISVEEP आपकी क्या भूमिका है? 140 करोड़ लोगों के प्रति कोई जवाबदेही है या आयोग सिर्फ भाजपा की नौकरी कर रहा है?
कैलाश विजयवर्गीय खुलेआम मतदाताओं को पैसे की पेशकश कर रहे हैं।
— Krishna Kant (@kkjourno) October 6, 2023
विधायक छुपकर खरीदा, मतदाता खुलेआम खरीद रहे हैं। @ECISVEEP आपकी क्या भूमिका है? 140 करोड़ लोगों के प्रति कोई जवाबदेही है या आयोग सिर्फ भाजपा की नौकरी कर रहा है? pic.twitter.com/opojmPmSHB
विजय वर्गीय की इस घोषणा का एक अर्थ यह भी है कि वे अपने समर्थकों को उकसा रहे हैं कि कांग्रेस के समर्थक मतदाताओं को वोट देने से रोको। जब कांग्रेस समर्थकों को बूथ तक आने से रोका जाएगा तभी तो उनका वोट नहीं पड़ेगा। इसलिए अगर 50 हजार इनाम चाहिए तो कांग्रेस समर्थकों को जबरन रोको। इसे सोशल मीडिया पर कई लोगों ने हिंता के लिए उकसाना भी कहा है।
उनके एक अन्य वीडिये में वे कहते दिख रहे हैं कि वे भोपाल से इशारा करेंगे और यहां आपका काम हो जाएगा। यह भी दोअर्थी बात है और भ्रष्ट आचरण है। सोशल मीडिया में लोगों ने भाजपा नेता के बयानों पर चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है। क्या चुनाव आयोग संज्ञाल लेगा?
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