राजनीतिक गलियारे में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के जमुई से आगामी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी बनाये जाने की जोरदार चर्चा है.एनडीए गठबंधन में इस खबर से जहां एक तरफ खलबली मचने लगी है.
मुकेश कुमार, नौकरशाही ब्यूरो
इस खबर पर यह तय माना जा रहा है कि यहां के मौजूदा राजनीतिक हालात में मांझी सबसे मजबूत प्रत्याशी साबित हो सकते है, अपने मुख्यमंत्रित्व काल में किये गये कामों के बूते मांझी हर वर्ग में अपनी साख बनाने का प्रयास करेंगे.
कार्यकाल में स्वर्णो के हितों का मामला,पत्रकारों को पेंशन देने की बातें हो या सर्व सुलभ तरीके से आमजनों से रूबरू होने की बात को मांझी मुद्दा बना सकते हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रीय जनता दल आगामी चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में मजबूत प्रत्याशियों के पकड़ पर होने वाले चुनावी समर में किसी भी सूरत में मैदान में बाजी मारने के पक्ष में है।
वर्तमान राजनीतिक हालात में निवर्तमान लोजपा सांसद चिराग पासवान की यहां आमजनों में पैठ ढीली पड़ी है और उन पर आरोप है कि वह सर्व सुलभ नहीं रहे हैं. माकूल जमीनी सच्चाई यही बयां करती है कि एनडीए गठबंधन में जमुई की राजनीतिक तस्वीर अंदर खाने में बिल्कुल ही ईतर है. ऐसे में मांझी जुमई में जोर आजमाइश करने की तैयारी भी कर रहे हैं. मांझी के चुनावी समर में कूदने के बाद हो सकता है
सोशल मीडिया में वाक्य युद्ध का सिलसिला लाइक कमेंट्स में गाली-गलौज तक के दहलीज को पार करती नजर आती है।जमुई संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरण की गोलबंदी में महागठबंधन की स्थिति मजबूत नजर आती है।सूबे के कृषि मंत्री, नरेंद्र सिंह व उनके दो पूर्व विधायक पुत्र अजय प्रताप व सुमित कुमार सिंह उर्फ विक्की सिंह,पूर्व मंत्री दामोदर रावत के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन में मजबूत भले ही हुई है।
लेकिन लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर आमजनों में प्रत्याशियों के चयन को लेकर निवर्तमान सांसद को छोड़कर ही किसी अन्य को प्रत्याशी बनाये जाने की आकांक्षा आमजनों में बनी हुई दिखाई पड़ती है।वैसे चुनाव में अभी वक्त है और मौसम व चुनाव का पूर्वानुमान अच्छे-अच्छे जानकर लगा पाने में कभी-कभी असफल हो जाते है।फिलवक्त में महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नाम की चर्चा विश्वस्त राजनीतिक गलियारे के कद्दावर राजनेताओं द्वारा की जाने लगी है।