खबर है की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद मांझी का NDA में जाना तय है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार मांझी की पार्टी को 10-12 सीटें देने पर राज़ी हो गए है।
HAM प्रमुख एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार से मिले और उनके बीच डील हो चुकी है। हालांकि अब तक दोनों पार्टियों ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है. लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच सीट बंटवारे को लेकर डील हो चुकी है और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मांझी की पार्टी को 10-12 सीटें देने पर राज़ी हो गए है।
नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने बस इतना कहा कि कि एक दो रोज मे सब बात होगी। मांझी ने कहा की 30 अगस्त तक NDA में शामिल होने पर फैसला हो जाएगा और आप लोगों को भी बता दिया जाएगा।
चुनाव चिन्ह गंवा चुकी मांझी की पार्टी ने तोड़ा महगठबंधन से नाता
याद दिला दें की मांझी 2014 तक जदयू में थे। 2014 लोक सभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। एक साल के अंदर ही उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाकर नीतीश कुमार फिर से खुद मुख्यमंत्री बन गए थे। इसके बाद मांझी ने जदयू से अलग होकर हिंदुस्तान अवाम मोर्चा का गठन किया था।
वर्तमान में बिहार विधान सभा में HAM का एक विधायक है जो जीतन राम मांझी खुद है।
इससे पहले RLSP के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि जीतन राम मांझी का महागठबंधन से बाहर जाना दुखद है.
जदूय से अलग होने का जोखिम क्यों उठाना चाहते हैं चिराग?
करीबी सूत्रों की माने तो जीतन राम मांझी की मुलाकात नीतीश कुमार की मुलाकात होते ही भाजपा एवं लोजपा की चिंता बढ़ना लाज़मी है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान नीतीश कुमार से नाराज़ बताये जा रहे है एवं कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं लग रहे है। वही बीजेपी भी बड़ी जीत दर्ज करना चाहती है। ऐसे में NDA में HAM को समायोजित करने में भारतीय जनता पार्टी एवं लोक जनशक्ति पार्टी को कई सीटों का त्याग करना पड़ सकता है।