क्या आप शिल्पी तिवारी को जानते हैं. नहीं? तो जान लीजिए कि यह स्मृति ईरानी की खास सहयोगी हैं और जेएनयू समेत पूरे देश में मचे कोहराम के पीछे इन्हीं का नाम लिया जा रहा है.
गौरतलब है कि ये शिल्पी तिवारी ही हैं जिन्होंने जेएनयू के उस विवादित विडियो को सबसे पहले ट्विटर पर अपलोड किया था जिसके बाद कई न्यूज चैनलों ने इसे दिखा और फिर देश भर में कोहराम मच गया.
रिपोर्ट में तीन वीडियो ऐसे हैं जिन पर संदेह जताया गया है, इनमें से एक का सीधा संबंध शिल्पी तिवारी से बताया गया है. इकोनामिक टाइम्स तथा अन्य अखबारों के अनुसार शिल्पी तिवारी ने ही सबसे पहले अपने ट्विटर अकाउंट से उस विडियो को ट्विट किया था जिसमें देश विरोधी नारे लगाये जा रहे थे. और इसमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार व उमर खालिद समेत अन्य छात्र नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगा कर जेल में डाला गया. लेकिन दिल्ली सरकार की फोरेंसिक जांच में यह सामने आ चुका है कि यह विडियो छेड़ृछेाड कर बनाया गया था और उसमें अलग से आवाज की मिलावट की गयी थी.
[tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title]नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी शिल्पी के हैं फालोअर्स[/tab_title][/tabs_head][tab]शिल्पी तिवारी ट्विटर बहुत सक्रिय रही हैं. वह भाजपा को सोशल मीडिया पर सपोर्ट करती हैं. और उनके 80 हजार से ज्यादा फालोअर्स हैं इनके फालोअर्स में नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामलि हैं.[/tab][/tabs]
कौन हैं ये शिल्पी तिवारी
शिल्पी तिवारी ट्विटर बहुत सक्रिय रही हैं. वह भाजपा को सोशल मीडिया पर सपोर्ट करती हैं. और उनके 80 हजार से ज्यादा फालोअर्स हैं इनके फालोअर्स में नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामलि हैं. खबरों में बताया गया है कि शिल्पी न सिर्फ शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी की निकटतम सहयोगी हैं बल्कि वह उनकी कम्पेन मैनेजर के रूप में चुनाव में काम कर चुकी हैं.
इतना ही नहीं, हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक शिल्पी उस समय चर्चा में आयी थीं जब उन्हें स्मृति ईरानी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में 35 हजार रुपे की सैलरी पर, नियमों को धता बता कर नियुक्त करने की कोशिश की थी. हालांकि इस पद के लिए एमटेक होने की शर्त अनिवार्य थी लेकिन शिल्पी महज अंडर ग्रेजुएट थीं. हालांकि शिल्पी इस पद के लिए नियुक्त नहीं की जा सकीं पर वह ईरानी के टाप अधिकारियों के साथ जरूर काम करने लगीं.
जेएनयू विवाद और मचे कोहराम के बाद शिल्पी विवादों के घेरे में हैं. संभव है कि आने वाले दिनों में इस विवाद को हवा देने के आरोप में शिल्पी भी जल्द ही सलाखों के भीतर नजर आयें.
हालांकि भाजपा ने इस मामले में कहा है कि संभव है कि निजी स्तर पर स्मृति ईरानी उन्हें जानती हों पर पार्टी का उनसे कोई सीधा संबंध नहीं है.