भले ही पूरा मुख्य मीडिया भगवा रंग में रंग गया हो, 400 पार का नारा लगा रहा हो, लेकिन JNU में लाल झंडा फिर लहराया। JNU छात्र संघ के चुनाव में वाम दलों के छात्र संगठनों ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के चारों पदों पर जीत हासिल कर ली। इनमें महासचिव पद के लिए लेफ्ट के प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया था। इस पद पर लेफ्ट समर्थित बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बाप्सा) की प्रियांशी आर्या ने जीत दर्ज की है।
लेफ्ट छात्र संगठनों को सबसे अधिक मतों से अध्यक्ष पद पर जीत मिली। अध्यक्ष पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश चंद्र अजमीरा को बड़े अंतर से हराया।धनंजय को 2598 और उमेश चंद्र अजमीरा को 1676 वोट मिले। इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अविजीत घोष चुने गए। उन्हें 2409 वोट मिले, जबकि एबीवीपी की दीपिका शर्मा को 1482 वोट मिले हैं।
महासचिव पद पर बाप्सा की प्रियांशी आर्या ने जीत दर्ज की। उन्हें लेफ्ट संगठनों का समर्थन हासिल था। उन्हें 2887 वोट मिले, जबकि एबीवीपी के अर्जुन आनंद 1961 वोट ही मिले।संयुक्त सचिव पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन (एआईएसएफ़) के मोहम्मद साजिद को जीत मिली। उन्हें 2574 वोट मिले। इस पद पर एबीवीपी के गोविंद दांगी को 2066 वोट मिले।
Md Ali Ashraf Fatmi को लालू ने दी पार्टी की सदस्यता
आइसा ने कहा कि जेएनयू में पिछले 50 सालों से लेफ्ट संघर्ष की एक लेगेसी रही है कि सबसे वंचित तबका, सबसे कम पैसे में, सबसे बेहतर शिक्षा प्राप्त करेगा। धनंजय ने कहा-अगर कोई है जिसने फीस वृद्धि के खिलाफ लड़ाई लड़ी है तो वह वामपंथी है। यह वामपंथ ही है जिसने सभी के लिए छात्रावास सुनिश्चित किया है और इसके लिए छात्रों ने हम पर अपना भरोसा दिखाया है। लेफ्ट छात्र संगठनों की जीत पर देशभर से बधाइयां मिल रही हैं।