JNU में प्रशासनिक भवनों के पास प्रदर्शन किया तो 20 हजार जुर्माना
JNU में प्रशासनिक भवनों के पास प्रदर्शन किया तो 20 हजार जुर्माना। धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक। विवि से निष्कासन भी होगा। नई नियमावली पर हंगामा।
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असहमति पर आवाज उठाने के लिए चर्चित जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विवि) में एब असहमति की आवाज लगाने पर 20 हजार रुपए जुर्माना होगा। विवि प्रशासन ने नया आदेश जारी किया है, जिसमें शैक्षणिक भवनों या प्रशासनिक भवनों के आसपास किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। ऐसा करने पर 20 हजार रुपए आर्थिक दंड देना होगा। यही नहीं, ऐसा करने वाले छात्र या छात्रा को विवि से निष्कासित भी किया जाएगा।विरोध प्रदर्शन ही नहीं, विरोध में नारे लिखना या पोस्टर चिपकाने पर भी रोक लगा दी गई है। JNU प्रशासन के नए आदेश के बाद हंगामा हो गया है। विभिन्न छात्र संगठनों ने जेएनयू प्रशासन के इस आदेश को लोकतंत्र पर हमला बताया है। कहा है कि असहमति की आवाज दबाई जा रही है।
छात्र संगठनों के अलावा समाज के प्रबुद्ध वर्ग, प्राध्यापक, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी जेएनयू प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया है। जनसत्ता के पूर्व संपादक ओम थानवी ने कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, लेकिन जेएनयू में प्रतिरोध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें भारी जुर्माने, विवि से निष्कासन का प्रावधान है।
खबर लिखे जाने तक जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन नहीं दिखा है। सोशल मीडिया में विरोध जारी है। उधर दक्षिणपंथी धारा के समर्थक जेएनयू में विरोध प्रदर्शन पर रोक का स्वागत कर रहे हैं। वामपंथ के खिलाफ सोशल मीडिया में लिख रहे हैं।
उधर जेएनयूछात्र संघ ने विवि प्रशासन के इस आदेश का विरोध किया है और तत्काल इसे रद्द करने की मांग की है। कई छात्र संगठनों ने कहा कि जेएनयू विचारों की आजादी, कमजोर वर्ग को न्याय तथा देशप्रेेम के लिए जाना जाता है। यहां से निकले प्रखर छात्र देश में विभिन्न पदों पर रहते हुए देश सेवा कर रहे हैं। भाजपा के कई नेता भी जेएनयू में पढ़ाई कर चुके हैं। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यहां की स्टूडेंट रह चुकी हैं।
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