जजों की नियुक्ति पर केंद्र के पत्र को विपक्ष ने कहा जहर की पुड़िया
कानून मंत्री रिजिजू ने CJI को पत्र लिख जजों की नियुक्ति में केंद्र के प्रतिनिधि को शामिल करने को कहा। विपक्ष ने कहा यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए जहर।
केंद्र सरकार के एक पत्र से हंगामा हो गया है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएं। इस पत्र का विपक्ष ने जोरदार विरोध किया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा हुआ, तो यह न्यायपालिका की स्वतंत्रका के लिए जहर की पुड़िया (Poison pill) साबित होगा।
विपक्ष खासकर कांग्रेस ने कानून मंत्री रिजिजू के पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा कि केंद्र सरकार देश की न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है। केंद्र सरकार धीरे-धीरे देश की सभी स्वतंत्र एजेंसियों और संस्थाओं पर कब्जा कर चुकी है या उसी दिशा में बढ़ रही है। अब जजों की नियुक्ति के जरिये केंद्र की मोदी सरकार न्यायपालिका पर भी कब्जा करना चाहती है। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के पत्र को स्वतंत्र न्यायपालिका पर हमला करार दिया है। इंडियान एक्सप्रेस लिखता है कि ध्यान रहे रिजिजू के पत्र से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर चुके हैं। कांग्रेस ने कहा कि यह सबकुछ केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट पर कब्जे की कोशिश का ही अंग है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होने से पारदर्शिता आएगी तथा उत्तरदायित्व भी बढ़ेगा। सोशल मीडिया में लोग सवाल कर रहे हैं कि उत्तरदायित्व किसके प्रति बढ़ेगा? खबर लिखे जाने तक विपक्ष के प्रमुख नेताओं की प्रतिक्रिया नहीं आई है, देखना है उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है।
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