भाजपा के सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि वह कट्टर संघी हैं. लेकिन वह एक इंसान भी हैं और हर मानवीय संवेदना पर उनकी प्रतिक्रिया एक आम इंसान की तरह ही है.
सिन्हा ने शनिवार को पटना में आयोजित पत्रकार फरजंद अहमद मेमोरियल लेक्चर के अवसर पर ये बातें कही. आरके सिन्हा ने कहा कि मैं कट्टर संघी हूं मेरी विचारधारा कई लोगों की विचारधारा से अलग हो सकती है लेकिन इससे बढ़ कर हम इंसान हैं. सिन्हा ने फरजंद अहमद के साथ बिताये अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि फरजंद खबरों के परफेक्शन के इतने कायल थे कि वह जब तक हर तरह से संतुष्ट नहीं हो जाते थे तब तक खबर को प्रकाशन के लिए नहीं भेजते थे. सिहन्हा ने कहा कि फरजंद एक ऐसे हसमुख इंसान थे जो संकट की घड़ी में भी मुस्कुराना नहीं छोड़ते थे. उन्होंने कहा कि वह फरजंद को 1971 से जानते हैं. उनकी मौत के बाद आज भी उन्हें लगता है कि फरजंद कहीं आसपास मुस्कुरा रहे हैं.
फरजंद अहमद इंडिया टुडे के पत्रकार थे और उन्होंने बिहार के अलावा यूपी में भी इस पत्रिका के लिए काम किया था. अपने अंतिम दिनों में फरजंद बिहार सूचना आयोग के सदस्य बने और यूपी के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार भी रहे.
एडवांटेज मीडिया के सौजन्य से आयोजित फरजंद अहमद मेमोरियल लेक्चर में अनेक पत्राकरों, राजनेताओं और मंत्रियों ने शिरकत की. इस अवसर पर राज्यसभा सांसद व पत्रकार हरिवंश ने फरजंद की पत्रकारिता को याद किया. हरिवंश ने न्यू मीडिया की चुनौतियों पर बात रखते हुए कहा कि सोशल मीडिया के उपयोग और उसके मिसयूज पर बहस की जरूरत है.
समारोह में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने फरजंद अहमद की पत्रकारिता के लम्बे दौर को याद करते हुए उन्हें एक जुझारू पत्रकार बताया. सम्मेलन का संचालन शैबाल गुप्ता ने किया. इस अवसर पर वोट आफ थैंक्स एडवांटेज ग्रूप के चेयरमैन खुर्शीद अहमद ने पेश किया और कहा कि उनकी कोशिश होगी कि फरजंद अहमद मेमोरियल लेक्चर का आयोजन आगे भी किया जाता रहेगा.
सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार, मनीष कुमार, फैजान अहमद, अनवारुल होदा, मोहम्मद इकराम, सईद अहमद के अलावा विभिन्न संगठनों से जुडे लोग मौजूद थे.