जजों के लिए फाइव स्टार होटल बुक करने पर घिरे केजरीवाल
आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जजों और और उनके परिजनों के लिए फाइव स्टार होटल के 100 कमरे बुक करने का एलान किया। कैसे फंसे केजरीवाल?
आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड केयर के नाम पर जजों और उनके परिजनों के लिए फाइव स्टार होटल के 100 कमरे बुक करने का एलान किया। इस एलान के बाद ही हंगामा हो गया। सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछने लगे कि जब आम आदमी एक अदद बेड के लिए तड़प रहा है, सड़क पर, फुटपाथ पर मर रहा है, तब जजों के लिए फाइव स्टार होटल के कमरे बुक करने का क्या औचित्य है?
मुख्यमंत्री केजरीवाल आज तीन तरफ से फंस गए। पहला, दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उसने ऐसे होटलों के कमरों की मांग नहीं की थी। कोर्ट ने केजरीवाल के निर्णय से पल्ला झाड़ लिया।
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दिल्ली में केजरीवाल सरकार की विरोधी कांग्रेस ने तुंरत घेरा और कहा कि केजरीवाल जजों को घूस देने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के गौरव पांधी ने ट्विट किया-अरविंद केजरीवाल ने फाइव स्टार होटल के 100 कमरे देकर न्यायपालिका को घूस देने की कोशिश की। जनता के पैसों को घूस देने में इस्तेमाल किया, जबकि लोग सड़कों पर मर रहे हैं।
पांधी ने कहा-जजों ने केजरीवाल सरकार की चालाकी की हवा निकाल दी।
तीसरी तरफ देश के प्रमुख पत्रकारों, समाजसेवियों ने भी केजरीवाल के निर्णय पर गंभीर सवाल उठाए। पत्रकार उर्मिलेश ने ट्विट किया- हम भारत के लोग और मी लार्ड: कोरोना दौर में संविधान भी बदल डाला! जज साहबों के लिए पंच सितारा होटल से इलाज और आम आदमी के लिए सड़क पर मरने की मज़बूरी: संविधान में यह देश डेमोक्रेसी भी है और समाजवादी भी है!
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देखते-देखते सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल ट्रेंड करने लगे। आम लोग सोशल मीडिया पर केजरीवाल के निर्णय की आलोचना कर रहे हैं।