मंसूरी समाज की राज्य स्तरीय बैठक आज पटना के हज भवन में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंसूरी समाज के प्रतिनिधि जस्टिस बालाकृष्णऩ आयोग से मिल कर मंसूरी समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग करेंगे। समाज के प्रतिनिधि 23 अगस्त को आयोग से मिलेंगे। आयोग से मिल कर समाज के प्रतिनिधि मंसूरी समाज को एससी में शामिल करने के आधार, तर्क और साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे। ध्यान देनेवाली बात यह है कि मंसूरी समाज पूर्व में पासी थे। पासी से ही मंसूरी बने। मंसूरी समाज को एससी में शमिल करने के पीछे यह भी एक महत्वपूर्ण आधार है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने इस आयोग का गठन मुस्लिमों की पहचान और हालात जानने के लिए किया है। भारत के इतिहास में पहली बार दलित मुस्लिम एवं दलित ईसाई पर आयोग वर्ष 2022 में बना, जिसका नाम जस्टिस बालाकृष्णन आयोग है। इसकी रिपोर्ट 2024 में ही आनी है।
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पटना में मंसूरी समाज की बैठक में समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल थे। इनमें लियाकत मंसूरी, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य, पूर्व आईएएस मंजूर अली, इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम, राजद नेता सलाउद्दीन मंसूरी, जावेद मंसूरी, नासिर मंसूरी, पटना के सलाउद्दीन मंसूरी, शाकिर अली। आयोग से मिलने के लिए सभी ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।
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