Justice Nagarathna ने कहा, नोटबंदी अवैध, लोग कर रहे सैल्यूट
भले ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के बहुमत ने नोटबंदी में प्रक्रिया के मामले में कोई खोट नहीं देखा, लेकिन उसने नोटबंदी के परिणाम पर कोई टिटपणी नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली बेंच के चार जजों ने नोटबंदी के निर्णय-प्रक्रिया में कोई गलती नहीं देखी और इसे कानूनन सही करार दिया, लेकिन भाजपा अपनी पीठ इस बात के लिए थपथपा रही है कि नोटबंदी पूरी तरह सही था। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के परिणाम पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस बीच बेंच की अकेली महिला जज जस्टिस नागरत्ना के साहस को लोग सैल्यूट कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर #JusticeNagarathna ट्रेंड कर रहा है।
नोटबंदी की वैधता पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। पांच जजों की बेंच ने बहुमत से इसे वैध करार दिया है। एक जज जस्टिस नागरत्ना ने बहुमत से अलग अपना फैसला दिया। उन्होंने ऐसी बातें कहीं, जो इतिहास में दर्ज हो गया और जिसे बार-बार याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि इतने बड़े फैसले के समय संसद की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने नोटबंदी को गौरकानूनी करार दिया। इतना बड़ा फैसला सिर्फ 24 घंटे में ले लिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा-सुप्रीम कोर्ट की बेंच में सबसे जूनियर और एकमात्र महिला जज का विरोध बहुत ही शानदार और साहसी है, जिसमें दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया। यह बुद्धिहीन फैसला अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया, जिससे अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई, तथा लाखों लोग बर्बाद हो गए।
जिन चार जजों ने नोटबंदी की प्रक्रिया को सही ठहराया है, उन चार जजों ने नोटबंदी के परिणाम पर टिप्पणी नहीं की है।
— Congress (@INCIndia) January 2, 2023
हमारी आपत्ति परिणाम पर थी, इससे MSME सेक्टर तबाह हो गया, लाखों लोगों की नौकरियां चली गई थी: श्री @Pawankhera pic.twitter.com/uB5MBk2bEg
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-जिन चार जजों ने नोटबंदी की प्रक्रिया को सही ठहराया है, उन चार जजों ने नोटबंदी के परिणाम पर टिप्पणी नहीं की है। हमारी आपत्ति परिणाम पर थी, इससे MSME सेक्टर तबाह हो गया, लाखों लोगों की नौकरियां चली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से कहा नोटबन्दी में नहीं थी खामी