इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिटिंग जज के बयान से हंगामा हो गया है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं, समाजसेवियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जज के बयान का विरोध किया है। हाईकोर्ट के जज शेखर यादव ने कहा कि देश बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। वे विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सीपीएम ने कहा कि जज का कथन हेट स्पीच है। यह एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाना है।

Live Law  के अनुसार  हाईकोर्ट के जज शेखर यादव ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि यह हिंदुस्तान है। यह देश बहुसंख्यक वर्ग की इच्छाओं से ही चलेगा। यही कानून है। दरअसल कानून बहुसंख्यक के हिसाब से ही चलता है। बहुसंख्यकों के हित में क्या है, उनकी किस बात में खुशी है, वही स्वीकार किया जाएगा।

उन्होंने सीधे मुस्लिम समुदाय पर भी सवाल उठाए। कहा कि देखिए हिंदुओं में सती प्रथा थी, उसे समाप्त किया गया, लेकिन मुस्लिम समाज में कुरीतियां जारी हैं। वहां बहुविवाह को मान्यता जारी है। हिंदुओं में महिला को देवी स्वरूप माना गया है, जबकि मुस्लिमों में अब भी हलाला, तीन तलाक जारी है।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि देश में एक कानून है, इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए। यूसीसी सिर्फ भाजपा, विहिप का मुद्दा नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस दिशा में बात कह दी है।

हाईकोर्ट के सिटिंग जज के इस बयान पर कई लोगों ने आश्चर्य जताया है, तो कई ने खुल कर विरोध किया है। सीपीएम ने जज के कथन का जमकर विरोध किया है। कहा कि यह देश में एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाना है।

सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि सिटिंग जज विहिप के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और हम संविधान की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से पूछा कि क्या वे स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।

By Editor


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