ठीक एक साल पहले जम्मू कश्मीर के कठुआ मंदिर परिसर में आठ साल कि बच्ची के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या मामले में छह लोगोदं को दोषी करार दिया गया है. इस घटना ने देश को हिला कर रख दिया था.
मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है. सजा सोमवार को ही सुनाई जा सकती है. पीड़िता के परिवार के वकील फारुकी खान ने कहा, ‘‘अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया है. एक आरोपी, सांजीराम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है.
”उच्चतम न्यायालय ने मामले को सात मई 2018 को कठुआ से पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर दिया था.
गौर तलब है कि इस जघन्य घटना में एक आठ साल कि बच्ची को अगवा कर मंदिर परिसर में रखा गया और वहां उसके साथ नियमित रूप से बलात्कार किया जाता रहा. बाद में इस बच्ची कि हत्या कर दी गयी. जब मामला अदालत में पहुंचा तो गवाहों को दरया गया. इस मामले में गिरफ़्तारी हुई तो अनेक हिंदूवादी संगठनों ने प्रदर्शन करके दबाबो बनाया. यहाँ तक कि इस मामले में भाजपा के एक विधायक ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले कि सुनवाई कश्मीर से पंजाब ट्रांसफर कर दिया था.
पंद्रह पृष्ठों के आरोपपत्र के अनुसार, पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की मासूम बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया. उसे जान से मारने से पहले उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया.
इस मामले में जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनमें-
सांजी राम- मुख्य आरोपी
आनंद दत्ता- असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर
परवेश कुमार- ग्राम प्रधान
दीपक खजूरिया- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
सुरेंद्र वर्मा- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
तिलक राज- हेड कांस्टेबल शामिल हैं.
इसके अलावा एक नाबालिग- इसकी सुनवाई कठुआ कोर्ट में हो रही है. जबकि सांजी राम का बेटा विशाल को बरी कर दिया गया है.
मामले में हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन पर सांजीराम से चार लाख रुपये लेने और अहम सबूत नष्ट करने का आरोप था.
आरोपियों को न्यूनतम आजीवन कारावास और अधिकतम मृत्युदंड की सजा हो सकती है.
अदालत के इस फैसले के बाद अनेक नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है.
पुरवा आई एस अफसर शाह फैसल ने कहा कि इस मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस प्रशंसा कि पत्र है जिसने गुनाहगारों को सजा दिलवाई. उन्हों ने कहा कि इस मामले को दबाने के लिय रानेताओं द्वारा पूरी कोशिश कि गयी.
महबूबा मुफ़्ती ने कहा महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा, ”इस फैसले का स्वागत करती हूं. यह समय ऐसे घिनौने अपराधों पर राजनीति करने का नहीं है जहां एक 8 साल की बच्चों को नशीले पदार्थ दिए गए, उसका रेप किया गया और फिर मौत की नींद सुला दिया गया. उम्मीद है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था की खामियों का फायदा नहीं उठाया जाएगा और दोषियों को ऐसी सजा दी जाएगी जो मिसाल बनेगी.”
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Relieved about Kathua verdict. Credit goes to crime branch team lead by IGP Mujtaba, SSP Jala, Addl SP Naveed , Dep SP Shwetambri ,@DeepikaSRajawat & Talib for ensuring facts came to light despite hindrances. People all across 🇮🇳 too galvanised support & stood up for this child
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 10, 2019
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उधर उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि इस मामले में दोषियों को कानून के तहत बड़ी से बड़ी सजा दी जनि चाहिए. उन्हों ने कहा कि उन नेताओं को भी सजा मिलनी चाहिए जो इस मामले को दबाना चाहते थे.