कल शरद की चणक्य नीति से अजीत पवार का ध्वस्त हो जाएगा सपना

कल शरद की चणक्य नीति से अजीत पवार का ध्वस्त हो जाएगा सपना। शरद और अजीत दोनों ने बुलाई बैठक। अजीत की उपमुख्यमंत्री और विधायकी दोनों खतरे में।

भाजपा ने महाराष्ट्र में शरद पवार की राजनीति खत्म कर देने की चाल चली थी, पर वह चाल उल्टी पड़ती दिख रही है। 82 साल की उम्र में शरद पवार ने जबरदस्त पलटवार किया और सीधे जनता के बीच पहुंच गए। भारी संख्या में लोगों ने सुना। कल पांच जुलाई को शरद पवार और अजीत पवार दोनों ने पार्टी विधायकों और सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। दलबदल कानून से बचने के लिए अजीत पवार को कम से कम 36 विधायक चाहिए। हालांकि उन्होंने अपने साथ 40 विधायक होने का दावा किया था, पर वे अब तक ये संख्या दिखा नहीं पाए हैं। इसके विपरीत, अजीत पवार के उपमुख्यमंत्री पद का शपथ लेते समय जो विधायक उनके साथ थे, वे भी शरद खेमे में लौटने लगे हैं। अजीत के साथ शपथ ग्रहण में रहे दो विधायक बालासाहेब पाटिल (उत्तर कराड) तथा सतारा के मकरंद पाटिल 24 घंटे के भीतर शरद के साथ हो गए। अगर अजीत पवार 36 विधायक नहीं जुटा पाए, तो वे दलबदल कानून में फंसेंगे और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी के साथ ही विधायकी भी चली जाएगी।

महाराष्ट्र में भाजपा ने सोचा था कि वह शरद पवार की राजनीति खत्म करके निश्चिंत हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा का दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। भाजपा एक नुकसान तो हो चुका। उसने जिसे भ्रष्ट कहा, उसे ही मंत्री, उपमुख्यमंत्री बना दिया। इससे जनता में यही मैसेज गया कि भाजपा सत्ता की भूखी है। वह सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। यह मैसेज भाजपा की छवि के लिए गहरा धक्का है। इसी के साथ शरद पवार के पक्ष में सहानुभूति देखी जा रही है। वहीं अब दल-बदल विरोधी कानून की तलवार भी अजीत पवार पर लटक सकती है।

भाजपा ने चाल तो चल दी, लेकिन लगता है कि उसे खुद भी अपनी सफलता का भरोसा नहीं है। इसीलिए अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री बनाने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या ग-ह मंत्री अमित शाह ने अब तक बधाई भी नहीं दी है। वहीं शरद पवार कल की बैठक के बाद पूरे प्रदेश में सभा करने का एलान कर चुके हैं। भाजपा ने उन्हें मुद्दा बी दे दिया है। जनता में सहानुभूति भी है। इसी बीच वे हर जिले में जाएंगे, तो समझा जा सकता है कि भाजपा को कितना बड़ा नुकसान अब शरद पवार देनेवाले हैं।

भाजपा का एक देश एक कानून का नारा देश को तोड़नेवाला : AIPF

By Editor


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