कालीचरण को लोग गुंडा कह रहे, कई अखबार अब भी मान रहे संत

महात्मा गांधी को गाली और गोडसे की जय करनेवाले कालीचरण को लोग गुंडा कह रहे हैं, वहीं हिंदुस्तान और दैनिक भास्कर जैसे बड़े अखबार अब भी उसे संत क्यों मान रहे?

हिंदुस्तान और दैनिक भास्कर जैसे बड़े अखबार महात्मा गांधी को गाली और हत्यारे गोडसे की जय करनेवाले कालीचरण के लिए उसी भाषा और व्याकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो किसी सम्मानित व्यक्ति के लिए किया जाता है। देश का विवेकी समाज कालीचरण को गुंडा कह रहा है। उस पर देशद्रोह का मुकदमा भी लग चुका है। खासबात यह कि ये गुंडे यह भी नहीं कह रहे कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है या उन्हें अपने कहे पर अफसोस है। ये अपनी बात दुहरा रहे हैं, इसके बावजूद इन बड़े अखाबारों का सम्मान देना क्या कहा जाएगा?

आज दोनों ही अखबारों में कालीचरण की गिरफ्तारी की खबर प्रकाशित हुई है। हिंदुस्तान की हेडिंग है-महात्मा गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर कालीचरण महाराज गिरफ्तार। इसके बाद पूरी खबर में कालीचरण के लिए सम्मानसूचक सर्वनाम का उपयोग किया गया है।

सर्वनाम उसे कहते हैं, जो संज्ञा के बदले आता है। जब व्यक्ति को सम्मान देना हो, तो उनका, उन्हें आदि लिखा जाता है। व्यक्ति सम्मान देने लायक न हो, तो उसका, उसे लिखा जाता है। हिंदुस्तान अखबार ने पूरी खबर में कालीचरण को सम्मान देते हुए उन्हें शब्द का प्रयोग किया है।

दैनिक भास्कर ने भी कालीचरण को पूरा सम्मान देते हुए उन्हें का ही प्रयोग किया है। भास्कर के पटना एडिशन ने पूरी खबर को सिंगल कॉलम में निबटा दिया है। हेडिंग है- महात्मा गांधी को गाली और गोडसे को नमन करनेवाले कालीचरण गिरफ्तार। हेडिंग को गौर से पढ़िए। नमन करनेवाला नहीं लिखा गया है, बल्कि नमन करनेवाले लिखा गया है। यहां बहुवचन का प्रयोग भी सम्मान जताने के लिए ही किया गया है। इसके बाद पूरी खबर में कालीचरण के लिए उन्हें का प्रयोग ही किया गया है।

हद तो यह है कि भास्कर के भोपाल एडिशन में पहले पन्ने पर राज्य के मंत्री और भाजपा नेता का बयान प्रमुखता से छापा गया है, जिसकी हेडिंग है-नक्सली तो पकड़ नहीं पा रहे, एक बाबा को रात तीन बजे कुख्यात अपराधी जैसे पकड़ रहे : नरोत्तम

स्पष्ट है भाजपा कालीचरण को बाबा ही मान रही है। लगता है, भाजपा के सुर में ही ये अखबार भी बोल रहे हैं।

उसने गांधी को क्यों मारा जैसी प्रसिद्ध पुस्तक के लेखक अशोक कुमार पांडेय पहले ही दिन कालीचरण को गुंडा कह चुके हैं। कल उन्होंने ट्वीट किया-काहे का संत और काहे का महाराज? कालीचरण जैसे प्रवादी क़तई किसी सम्मान के अधिकारी नहीं। … देश और संविधान के दुश्मन आतंकवाद के पोषक गुंडे हैं।

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By Editor


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