मायावती की नई मांग से हलचल, कांशीराम को मिले भारत रत्न
मायावती की नई मांग से हलचल, कांशीराम को मिले भारत रत्न। इस मांग से सियासी हलके में उनके अगले कदम पर लगने लगे कयास। क्या मायावती खेला करेंगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। बिहार के समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि देकर भाजपा नेतृत्ल खुश था कि उसे बिहार में पिछड़ों के वोट हासिल करने में बड़ी कामयाबी मिलेगी। इसी बीच मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार से दलितों के बड़े नेता कांशीराम को भारत रत्न सम्मान देने की मांग कर दी है। कर्पूरी ठाकुर बिहार के बड़े नेता थे और उन्होंने पिछड़ों को जगाया, इसमें कोई शक नहीं है। इसीलिए मायावती ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देने का समर्थन करते हुए कांशी राम को भी भारत रत्न देने की मांग कर दी है। कांशीराम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों में दलितों को राजनीतिक भागीदारी की मांग पर जगाया और संगठित किया।
मायावती की इस मांग से एकबार फिर वे चर्चा में आ गई हैं। हाल में उन्होंने कहा था कि वे लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी, तब माना गया था कि उन्होंने अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं और अब वे अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को मदद करने वाली हैं। जबकि उनकी इस नई मांग के बाद माना जा रहा है कि अभी भी उन्होंने सारे पत्ते खोले नहीं हैं और चुनाव की घोषणा के बाद वे कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं।
यह भी स्पष्ट है कि कांग्रेस चाहती है कि मायावती विपक्ष के साथ रहें। उनके साथ आने से इंडिया गठबंधन की ताकत बढ़ जाएगी और भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। वहीं मायावती के साथ आने से विपक्ष की ताकत बढ़ जाएगी। भाजपा चाहती है कि मुकाबला तिकोना हो, तो उसे फायदा होगा, जबकि भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी होने से भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। मायावती की इस नई मांग से यूपी की स्थिर राजनीति में अचानक हलचल बढ़ गई है।
सुभाषचंद्र बोस सत्ता छीन कर आजादी हासिल करना चाहते थे