उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस के एक आदेश से हंगामा हो गया है। नए आदेश के अनुसार फल, चाय-नाश्ते के दुकानदारों का दुकान के सामने अपना नाम लिखना होगा। इस आदेश का सपा, कांग्रेस, एमआईएम सहित अनेक दलों ने विरोध किया है। विभिन्न संगठनों ने इसे जर्मनी के नाजी फरमान जैसा आदेश कहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह आदेश सामाजिक अपराध है। अदालत संज्ञान ले, जबकि कांग्रेस ने इसे भारतीय तहजीब पर हमला करार दिया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि…और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांवड़ यात्रा के रूट पर फल-सब्जी विक्रेताओं व रेस्टोरेंट मालिकों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा। ये तय करने वाले कि कौन क्या खाएगा, अब ये भी तय करेंगे कि कौन किससे खरीदेगा? ये हमारी भारतीय तहजीब पर हमला है। हमें ऐसी विचारधारा को खुद से दूर रखना होगा।
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एमआईएम के प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था।