कर्नाटक : नई सरकार ने हड़काया, नहीं चलेगा पुलिस का भगवाकरण
आपने निर्गुण सुना होगा- सब दिन होत न एक समाना। केरल के मंदिरों में RSS की शाखाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध के बाद कर्नाटक में मुश्किल में बजरंग दल।
कर्नाटक में पुलिस विभाग के आला अफसरों की बैठक में मुख्यमंत्री सिद्दा रमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा-पुलिस का भगवाकरण नहीं चलेगा। सुधर जाइए। धर्म के नाम पर किसी के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोरल पुलिसिंग नहीं चलेगी अर्थात किसी को भी गौरक्षा के नाम पर हिंसा का शिकार करना, किसी जोड़े के पार्क में बैठे होने पर हमला करना अब बंद करना होगा। अगर ऐसा हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी।
याद रहे केरल की वाम सरकार ने तीन दिन पहले बड़ा फैसला लिया है। केरल के मंदिरों में आरएसएस की शाखा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब संघ के कार्यकर्ता मंदिर में हथियार नहीं भांज सकेंगे।
कर्नाटक में आला पुलिस अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने साफ-साफ शब्दों में कहा अब कोई मोरल पुलिसिंग नहीं। पुलिस अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी प्राथमिकता पुलिस को पीपुल फ्रेंडली बनाना होनी चाहिए। कानून व्यवस्था पर जोर होना चाहिए। सोशल मीडिया में किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखने पर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने हमें बदलाव का जनादेश दिया है। पुलिस को जनता की भावनाओं के अनुसार खुद को ढालना पड़ेगा।
मालूम हो कि कर्नाटक में बजरंग दल मोरल पुलिसिंग के नाम पर खास वर्ग के खिलाफ हमेशा कुछ न कुछ वितंडा खड़ा करता था। तब के मुख्यमंत्री बोमई बचाव करते रहे। चुनाव घोषणापत्र में कांग्रेस ने स्पष्ट कहा था कि सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फैलाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अब पुलिस अधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही सरकार ने आगाह कर दिया है कि पुलिस का भगवाकरण नहीं चलेगा। थाने में कोई भी आए, कोई भी शिकायत करे, तो उसे धर्म के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए। धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
इस तरह केरल के बाद कर्नाटक दक्षिण भारत का दूसरा प्रदेश हैं, जहां हिंदुत्व, हिंदू राष्ट्र के नाम पर संविधान, लोकतंत्र के खिलाफ लोगों को भड़काया जाता था, उसके खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है।
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