कर्नाटक : नए सर्वे में कांग्रेस को 132 से 140, भाजपा को 57 से 65
हर चुनाव से पहले गोदी मीडिया में सर्वे की धूम रहती है। इस बार सब खामोशं। ईडिना स्वतंत्र पत्रकारों का समूह है, जिसके सर्वे से भाजपा में भूचाल।
हर चुनाव से पहले गोदी मीडिया में चुनावी सर्वे की धूम रहती है, लेकिन कर्नाटक चुनाव को लेकर गजब की खामोशी दिख रही है। इस बीच कर्नाटक के स्वतंत्र पत्रकारों के समूह ईडिना के सर्वे से भाजपा में भूचाल आ गया है। http://eedina.com (ईडिना डॉट कॉम) ने अपने दम पर कर्नाटक के हर जिले में स्वतंत्र पत्रकारों की टीम तैयार की। इसने विभिन्न आय वर्ग, विभिन्न जातीय समूहों के बीच 41 हजार लोगों से राय ली। इसके बाद इसने सर्वे रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत से कहीं अधिक सीटें मिल रही हैं। कांग्रेस को 132 से 140 सीटें मिल सकती हैं। जबकि भाजपा को 57 से 65 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
Breaking: Mega pre poll survey ( random sample: 41k+) by https://t.co/s948g9i5Fw shows Congress headed for a comfortable majority (134-140 seats) with 10% vote lead over BJP (57-65 seats). Losses for JDS.
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 28, 2023
Congress wave in northern regions, BJP holds coastal and central. pic.twitter.com/tbuLIihTLo
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं। इस बार इस सर्वे के अनुसार उसे 140 तक सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को वर्ष 2018 में 104 सीटें मिली थीं, जो बहुमत से 9 सीटें कम थीं। भाजपा की सीटें इस बार काफी कम हो सकती हैं। ईडिना के अनुसार उसे 57 से 65 सीटें मिल सकती हैं। इसका अर्थ है भाजपा को 39 से 47 सीटों का नुकसान हो सकता है। जदएस को भी नुकसान हो रहा है। 2018 में उसे 37 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार उसे 19 से 25 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
'ईदिना' के प्री-पोल सर्वे में 40 हज़ार से ज्यादा लोग शामिल
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 28, 2023
सर्वे में साफ़ है कि कांग्रेस को कर्नाटक चुनाव में 134-140 जबकि बीजेपी को 57-65 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस का वोटशेयर बीजेपी से 10% ज्यादा।
डॉ. नारायण व डॉ. वासु के साथ सर्वे पर मेरी पूरी बातचीतः
▶️https://t.co/GoO45PgFy6
इस सर्वे के बाद भाजपा खेमे में हड़कंप मचा है, वहीं कांग्रेस और देश के अन्य विपक्षी दलों में संतोष देखा जा रहा है। कई लोग दावा कर रहे हैं कि इस बार कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में और भाजपा के खिलाफ हवा नहीं, बल्कि लहर है। कुछ तो कर्नाटक में कांग्रेस की आंधी भी कह रहे हैं। इसकी कुछ खास वजहें हैं। भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की एक साल से कोशिश की, पर चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम नफरत की राजनीति बेअसर साबित हो गई है। महंगाई बड़ा मुद्दा बन गया है।
कर्नाटक में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बन गया है। यह देश का पहला प्रदेश है, जहां सरकारी ठेकेदारों के संगठन ने बाजाप्ता भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना दिया। उनका आरोप था कि हर काम में 40 प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है, जो देश में सबसे अधिक है। बाद में इसी सवाल पर एक ने आत्महत्या तक कर ली। ईडिना के सर्वे के आधार पर चुनाव विश्लेषक रह चुके योगेंद्र यादव ने भी इस सर्वे टीम को गोदी मीडिया के सर्वे से भिन्न बताया है और कहा है कि कांग्रेस को 10 प्रतिशत अधिक मत मिलने की संभावना है।
लालू पटना पहुंचे, ममता की उम्मीद करेंगे साकार, जुटेगा सारा विपक्ष