कर्पूरी की विरासत पर नीतीश और तेजस्वी में वाक युद्ध
आज पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की विरासत को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव में वाक युद्ध छिड़ गया है।
कुमार अनिल
कल रविवार को कर्पूरी जयंती के 24 घंटे बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच नया वाक युद्ध छिड़ गया है। यह वाक युद्ध पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार में समाजवादी आंदोलन के सबसे बड़े नेता कर्पूरी ठाकुर की विरासत को लेकर है।
रविवार को सारे दलों ने कर्पूरी ठाकुर को नमन किया। हालांकि कल नमन करने में भी थोड़ा फर्क रहा। तेजस्वी ने नमन करते हुए कर्पूरी को सामाजिक न्याय, दबे-कुचलों के उत्थान, समावेशी विचारों के पुरोधा बताया। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश के ट्वीट में न तो सामाजिक न्याय का जिक्र था, न ही उनके समावेशी विचाारों की चर्चा थी। उनका ट्वीट था-‘ जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर माल्यार्पण कर शत-शत नमन किया।’
आज कर्पूरी जयंती के दूसरे दिन जब तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके कहा कि कर्पूरी जी को भारत रत्न की उपाधि मिलनी चाहिए। इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबा ट्विट करके कहा कि उनकी सरकार ने कर्पूरी जी को भारत रत्न देने की अुनी अनुशंसा केंद्र से की थी। 2007, 2017, 2018, 2019 में भारत रत्न देने की अनुशंसा की गई। वे चाहते हैं कि कर्पूरी जी को भारत रत्न दिया जाए।
मुख्यमंत्री को दी सीधी चुनौती
इसके बाद तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को सीधे चुनौती दे डाली कि क्या आप मेरे साथ राष्ट्रपति के सामने अपने सभी विधायकों के साथ परेड करेंगे?
उनकी चुनौती का कोई जवाब मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं आने पर तेजस्वी ने फिर लगातार ट्विट करके नीतीश कुमार पर राजनीतिक हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग उन्होंने आज शाम 4.05 बजे की। मेरे ट्वीट करने के बाद मुख्यमंत्री ने 4.24 बटे ट्विट करके भारत रत्न देने की इच्छा जताई। तेजस्वी ने अपने ट्वीट के साथ मुख्यमंत्री के ट्वीट का फोटो भी लगाया है। तेजस्वी ने ट्वीट के समय पर जोर देकर बताने की कोशिश की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर को भूल चुके हैं।
तेजस्वी पर हमला, भारत रत्न पर चुप्पी
कर्पूरी ठाकुर को राजद और जदयू ही नहीं, भाजपा भी याद करना नहीं भूलती। आज पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी पर परिवारवाद सहित कई आरोप लगाए, पर कर्पूरी को भारत रत्न देने की मांग पर चुप ही रहे।
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तेजस्वी के कल का ट्वीट भी गौर करने लायक है। उन्होंने कर्पूरी की समावेशी राजनीति-विचारों की बात की। तेजस्वी विधानसभा चुनाव में लगातार कहते रहे कि वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। अब कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग पर राष्ट्रपति के समक्ष परेड करने को तैयार तेजस्वी का बयान विधानसभा चुनाव में कही बातों का ही विस्तार है। वे राज्य के अतिपिछड़ोॆं को संदेश देना चाहते हैं कि राजद में सबको सम्मान मिलेगा, सबके लिए जगह है। अतिपिछड़ों पर जदयू भी अपना दावा मानता है कि उसने सबसे पहले पंचायत चुनाव में आरक्षण दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच छिड़ा वाक युद्ध फिलहाल भले थम जाए, पर भिन्न रूपों में यह सामाजिक आधार के विस्तार का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।