कश्मीर को मिल सकता है राज्य का दर्जा, अगले साल चुनाव
प्रधानमंत्री की अगुवाई में कश्मीर के नेताओं की बैठक हुई। साढ़े तीन घंटे चली बैठक के बाद उम्मीद है कि कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा, जल्द चुनाव होंगे।
लगभग दो साल पहले जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा, धारा 370 खत्म कर दिया गया था। सारे प्रमुख नेताओं को साल भर जेल में रखा गया। अब पहली बार प्रधानमंत्री ने आज गुपकार संगठन के सभी नेताओं के साथ मीटिंग की। साढ़े तीन घंटे चली बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा। अगले साल वहां चुनाव कराए जा सकते हैं।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित 14 प्रमुख नेता शामिल थे।
बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जिस तरह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म किया गया, धारा 370 खत्म की गई, वह बिल्कुल गलत था। इससे कश्मीर में केंद्र के प्रति शंका है। केंद्र की जिम्मेवारी है कि वह माहौल बदलने के लिए कदम उठाए। उन्होंने कहा कि धारा 370 की वापसी के लिए हम संविधान में दिए अधिकार का उपयोग करेंगे। हम कोर्ट जाएंगे।
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ममता बनर्जी ने पूछा कि पांच अगस्त, 2019 को कश्मीर को यूनियन टेरिटरी बनाने का क्या औचित्य था। केंद्र सरकार के बदले हुए रूख को लेकर विभिन्न लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ मान रहे हैं कि यह विदेशी दबाव को कम करने का प्रयास है। वहीं कई का मानना है कि मोदी सरकार जिस तरह कोविड के प्रबंधन में विफल रही, देश में बेरोजगारी भयानक है, उससे ध्यान बंटाने के लिए सरकार पीछे हट रही है।
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मालूम हो कि सोशल मीडिया पर कश्मीर के इन्हीं नेताओं के प्रति कितनी दुर्भावना फैलाई गई, आज उन्हीं से बात की जा रही है। वैसे हर दल आज की बैठक को अच्छी शुरुआत बता रहा है। उम्मीद करनी चाहिए कि कश्मीर और दिल्ली के बीच की दूरी कम होगी, जैसा कि प्रधानमंत्री ने भी कहा कि वे दिलों को जोड़ना चाहते हैं।