पहलगाम हमले के चौथे दिन ही एक बार फिर से टूरिस्ट कश्मीर पहुंचने लगे। कई लोग उस स्थल पर भी जा रहे, जहां आतंकियों ने हमला किया था। सोशल मीडिया में ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें शनिवार को पहुंचे टूरिस्ट बता रहे हैं कि उन्हें कश्मीरियों से कोई शिकायत नहीं है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। सभी हर तरह की मदद कर रहे हैं।
टूरिस्टों के इस प्रकार पहलगाम पहुंचने से कश्मीरियों तथा मुसलमानों के खिलाफ नफरत की सियासत करने वालों की हवा निकल गई है। ये टूरिस्ट भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। पत्रकारों ने पूछा कि आपको डर नहीं लगा, अभी इतनी बड़ी घटना हुई है, तो एक टूरिस्ट परिवार कहता दिख रहा है कि हमें कोई दिक्कत नहीं है। यहां लोगों पर हमें भरोसा है। यहां के लोग अच्छे हैं।
इधर देशभर में पहलगाम हमले के खिलाफ सभी धर्मों के लोगों के प्रदर्शन से नफरत की राजनीति करने वालों की इस बार नहीं चल पा रही है। पहलगाम हमले को हिंदुओं पर हमला बताने की साजिश को भी देश ने समझ लिया है। इसीलिए इस बार ऐसे संगठनों को समर्थन नहीं मिल रहा है।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि लोग कहते रहे हैं कि जो भाईचारा चाहते हैं, उनकी संख्या ज्यादा है, लेकिन वे मुखर नहीं हैं, इसीलिए नफरत बढ़ाने वाले सक्रिय हैं। इस बार जिस तरह देश भर में भाईचारा चाहने वालों ने सड़क पर निकल कर प्रदर्शन किया है, उससे भी नफरती गैंग की रौनक खत्म हो गई है। इस बार वे अलग-थलग दिख रहे हैं।
इधर भाजपा पूरी तरह कन्फ्यूज हो गई है। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल का एक बयान वायरल है, जिसमें वे कह रहे हैं कि देश के 140 करोड़ लोग जबतक देशभक्ति को अपना परम धर्म नहीं मानेंगे, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे। हालांकि तब भी लोग पूछ रहे हैं कि पहलगाम में सुरक्षा री व्यवस्था क्यों नहीं की गई। हमले के जिम्मेदार कौन है