कटिहार में एक ही बोर्ड पर पढ़ा रहे दो टीचर, इन्हें कौन भेजेगा नवोदय
नालंदा के सोनू ने सीएम के सामने शिक्षा की बदहाली बताई, तो नेता, अभिनेता सबने की मदद की घोषणा, पर कटिहार के सैकड़ों ‘सोनुओं’ की कौन सुनेगा?
दीपक कुमार, बिहार ब्यूरोचीफ
नालंदा का सोनू प्रदेश की नहीं, देश के मीडिया में छा गए। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी भी मिलने उसके गांव पहुंचे और नवोदय में नामांकन का वादा किया। हर महीने दो हजार रुपए भी देंगे। सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने शिकायत की थी कि सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती। अब कटिहार में सैकड़ों सोनू बता रहे हैं कि सरकारी शिक्षा कितनी बदतर है। एक ही क्लासरूम में एक ही बोर्ड पर आधे में हिंदी और आधे में उर्दू पढ़ाई हो रही है। इन्हें कौन भेजेगा नवोदय? कटिहार के सोनुओं के लिए नेता क्यों चुप हैं?
कटिहार:बिहार में शिक्षा क्षेत्र के विकास के मद में करोड़ों रुपये की राशि सालाना खर्च की जाती है. इसका उद्देश्य नौनिहालों को बेहतर मूलभूत सुविधाओं के साथ अच्छी शिक्षा प्रदान करना है, ताकि अच्छे भविष्य का निर्माण हो सके. इसके बावजूद बिहार के कटिहार जिले से प्राथमिक शिक्षा की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर बदहाल शिक्षा व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में 1 से लेकर 5 तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. एक ही क्लासरूम में हिन्दी और उर्दू भाषाओं की कक्षाएं लगती हैं. इतना नहीं है हद तो यह है कि एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक ही समय में हिन्दी और उर्दू के शिक्षक छात्रों को दोनों भाषाओं में पढ़ाते हैं. हिन्दी भाषी छात्र एक तो उर्दू भाषा के छात्र ब्लैकबोर्ड के दूसरी तरफ देखते हैं.
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त और बच्चों का भविष्य बेहतर करने के लिए हर दिन सुविधाओं का विस्तार करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन कटिहार से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे जान और सुनकर कर आप हैरान रह जाएंगे. जिले के मनिहारी प्रखंड में स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में एक से लेकर पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं. इससे भी बड़ी ताज्जुब की बात यह है कि एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक ही समय में दो शिक्षक उर्दू और हिंदी भाषा में पढ़ाते हैं.
मनिहारी प्रखंड के उर्दू प्राथमिक विद्यालय को साल 2017 में विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला में शिफ्ट कर दिया गया था. तब से क्लासरूम की यह परेशानी बरकरार है. विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला की शिक्षिका नीलम कुमारी बताती हैं कि पहले से ही उनलोगों के पास कमरों की कमी था, ऐसे में प्रशासनिक आदेश के बाद कक्षा 1 से लेकर 5 तक के लिए सिर्फ एक ही कमरा दिया जा सका था. उस वक्त से लेकर आज तक एक ही कमरे में पांचवीं कक्षा तक की कक्षाए संचालित हो रही हैं.
एक ही कमरे में और एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक साथ हिंदी और उर्दू पढ़ाने की मजबूरी के बारे में उर्दू प्राथमिक विद्यालय मनिहारी के हेडमास्टर प्रफुल्लित मिंज कहती हैं कि उनके विद्यालय में तीन शिक्षक पदस्थापित हैं, मगर कमरा और ब्लैक बोर्ड की कमी कारण ऐसा करना पड़ता है. पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता कहते हैं कि उन्हें अब इस विषय पर जानकारी मिली है. मनिहारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बातचीत की गई है और जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.
शिवलिंग के दावे पर ट्वीट किया, तो DU के प्रो. रतनलाल पर हुई FIR