कौन हैं एएम चौधरी, जो ओडिशा ट्रेन हादसे की करेंगे जांच
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में तीन सौ लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों घायल हैं। जानिए वरिष्ठ अधिकारी एएम चौधरी को जो करेंगे इस दुर्घटना की जांच।
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना से पूरा देश हिल गया है। तीन सौ लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग घायल हैं। यहां एक साथ तीन ट्रेनें टकरा गई। दुर्घटना के पीछे वास्तविक कारण क्या है और आगे फिर ऐसी दुर्घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा के क्या उपाय किए जाने चाहिए, इसकी जांच होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटना स्थल पर कहा कि रेलवे इस दुर्घटना की जांच करेगा। जांच की जिम्मेदारी रेलवे में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी एएम चौधरी को दी गई है।
एएम चौधरी साउथ-ईस्ट सर्किल में रेलवे सेफ्टी कमीश्नर हैं। कमीश्नर रेलवे सेफ्टी नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करते हैं। अनंत मधुकर चौधरी IRSEE (Indian Railway Service of Electrical Engineers) के अधिकारी हैं। उन्होंने एक मार्च, 2023 को कमीश्नर रेलवे सेफ्टी, साउदर्ऩ सर्किल का पदभार ग्रहण किया था। वे IRSEE 1987 बैच के अधिकारी हैं।
एएम चौधरी रेलवे में तीन दशक से हैं और विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं, जिसमें रेलवे का विद्युतीकरण, इलेक्ट्रिक रेल इंजन निर्माण सहित सामान्य प्रशासन की जिम्मेदारी शामिल है।
इस बीच रेलवे सुरक्षा पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। लोग पूछ रहे हैं कि मोदी सरकार ने जिस सुरक्षा सिस्टम कवच का खूब प्रचार किया, उसे जमीन पर क्यों नीं उतारा। कवच ट्रेनों के टकराने से रोकने की एक सुरक्षा प्रणाली है, जिसे RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) ने विकसित किया है। सबसे पहले ममता बनर्जी ने इसे लागू किया था, जब वे 2012 में रेल मंत्री थीं। उस समय इसका नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) अर्थात ट्रेनों को टकराने से रोकने की प्रणाली था, जिसे मोदी सरकार ने नाम बदल कर कवच कर दिया। खुद रेल मंत्री ने इसका प्रचार किया था और वीडियो जारी किया था कि किस प्रकार इससे ट्रेनें आमने-सामने होने पर खुद ही रुक जाएंगी।
इस बीच ट्रेन हादसे में मृत लोगों के शवों की तस्वीर आ रही है, जिन्हें ठीक से ढकने के लिए कपड़े तक मुहैया नहीं कराए गए हैं।
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