केंद्रीय मंत्री के आरोप पर बिफरे ललन सिंह, यूरिया नहीं दे रहा केंद्र

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मुंगेर के कई प्रखंडों में किसानों के बीच पहुंचे। कहा, केंद्र ने बिहार को 12 लाख मी टन यूरिया की जगह 6 लाख टन ही दिया।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शनिवार को अपने लोकसभा क्षेत्र मुंगेर के कई प्रखंडों में किसानों और आम लोगों के बीच पहुंचे। समस्याओं का निदान किया। कई योजनाओं का शिवान्यास भी किया। जदयू कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि केंद्र की पूरी सरकार जुमलेबाज़ है। केंद्र सरकार में बैठे लोग हर मसले पर गलत बयानबाजी देकर जनता और किसानों को गुमराह कर रहे हैं। किसानों की समस्या से इनको कोई लेना-देना नहीं है। ग़लत बयानी कर आम जानता और किसानों में भ्रमित कर रहे हैं।

सांसद ने कहा कि आज किसान यूरिया खाद के लिए तरस रहे हैं। केंद्र सरकार के मंत्री गलत बयानबाजी कर रहे हैं। सांसद ने बताया कि सचाई यह है की बिहार को अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में 12.70 लाख मीट्रिक टन का यूरिया खाद का आवंटन आकलन दिया गया था। इसमें महज 7.90 लाख मीट्रिक टन अलाटमेंट किया गया है, इसमें महज 6.48 लाख 735 सौ मीट्रक टन मिला है। सांसद ने कहा कि 12 लाख मीट्रिक टन के यूरिया की तुलना में लगभग 6.5 लाख यूरिया मिला है। जनवरी माह तक की मांग का मात्र 64 प्रतिशत बिहार को खाद मिला है। ऐसे में यूरिया की कालाबाजारी कहां हो रही है। केंद्र की सरकार खाद आवंटन मामले में गुमराह कर रही है। जनता सब देख रही है, केंद्र गलत बयानबाजी कर भम्र फैला रही है।

गुरुवार को केंद्रीय कृषि व किसान राज्य मंत्री किशोर चैधरी ने मुंगेर में आयोजित कृषि सम्मेलन में बिहार की खाद नेपाल और बांग्लादेश कालाबाजारी कर भेजे जाने का आरोप लगाया था। इस आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जदयू अध्यक्ष ने कहा राज्य को यूरिया का आवंटन मांग के अनुरूप नहीं किया गया है। इस वजह से खाद के लिए हर तरफ किसान परेशान हैं। अब तक जितना खाद का आवंटन हुआ है, उसका वितरण किया जा रहा है। राज्य में यूरिया की उपलब्धता स्टाॅक कम है। स्टाक में महज 80332 मीट्रिक टन यूरिया है। जनवरी माह में यूरिया की डिमांड ज्यादा रहती है। कई जिलों में गेहूं की बोआई विलंब से हुई है, ऐसे में यूरिया की ज्यादा जरूरत है। खाद वितरण के लिए सरकार की ओर से टालरेंस नीति अपनाई जा रही है। खाद वितरण में पारदर्शिता अपनाई जा रही है। गड़बड़ी की सूचना पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। राज्य की सराकर से आवश्यकता जताते हुए 12.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन का आकलन दिया गया था। इस अनुमात में केंद्र सरकार ने 7.90 लाख मीट्रिक टन खाद की स्वीकृति दी है। इसमें से 6.48 लाख 735 मीट्रिक टन ही वास्तविक आपूर्ति की गई है।

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