खड़गे ने की बात, क्या नीतीश-तेजस्वी प्रचार में जाएंगे कर्नाटक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की। ममता बनर्जी, उद्धव व स्तालिन से भी चर्चा। क्या नीतीश-तेजस्वी प्रचार में जाएंगे कर्नाटक?
कुमार अनिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की। उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे तथा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्तालिन से भी फोन पर चर्चा की। वे कल भी फोन पर विपक्षी नेताओं से बात करेंगे। माना जा रहा है कि इसी महीने सभी विपक्षी दलों की बैठक होगी।
ध्यान देनेवाली बात यह है कि कल राजद ने 13 अप्रैल को इफ्तार आयोजित करने की सूचना दी। फिर कुछ घंटे बाद इफ्तार की तारीख को 13 से पहले 9 अप्रैल कर दिया गया। आम तौर पर कार्यक्रम आगे बढ़ता है, राजद ने इफ्तार को चार दिन पहले कर दिया। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ही इफ्तार का आयोजन कर दिया। शनिवार को जदयू की तरफ से इफ्तार है। इसका एक अर्थ यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव देश में विपक्षी एकता की कोशिश में लगेंगे, इसलिए इफ्तार का आयोजन पहले कर दिया गया। दोनों नेता 10 के बाद दिल्ली जा सकते हैं। राजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10 के बाद तेजस्वी यादव दिल्ली जा सकते हैं। वहां वे विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे।
कर्नाटक चुनाव न सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए खासा महत्व रखता है। यह संभव है कि नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित सारे विपक्षी नेता कर्नाटक में एक मंच पर दिखें। अगर ऐसा होता है, तो कर्नाटक के चुनाव पर इसका असर पड़ना तय है। कांग्रेस भी चाहेगी कि कर्नाटक चुनाव में ही विपक्षी एकता जमीन पर उतरती दिखे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वे कांग्रेस से संदेश और पहल का इंतजार कर रहे हैं। अब जबकि कांग्रेस ने पहल कर दी है, तो नीतीश कुमार भी पीछे नहीं हटेंगे।
संसद का सत्र खत्म हो गया है। बिहार विधानसभा का सत्र भी समाप्त हो गया है। इसलिए अब विपक्षी एकता सड़क और मैदान में ही दिखेगी। कर्नाटक में भाजपा की हालत पतली है, यह किसी से छिपा नहीं है। वहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। अगर भाजपा को कर्नाटक में सत्ता गंवानी पड़ी और कांग्रेस की जीत हुई, तो देशभर में विपक्ष का मनोबल बढ़ेगा। मोदी को कोई हरा नहीं सकता, जैसे प्रचार कमजोर पड़ जाएंगे और खुद भाजपा संकट में होगी। इसी साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी चुनाव है और कर्नाटक में भाजपा की हार उसे इन राज्यों में भी बैकफुट पर ला देगी।
विपक्ष के पूरे अभियान में नीतीश कुमार की खास भूमिका होगी। कांग्रेस को नीतीश कुमार के महत्व की जानकारी है और वह चाहेगी कि नीतीश कर्नाटक ही नहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का भी दौरा करें।
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