30 लाख नौकरियां तथा रोजगार क्रांति के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को आदिवासियों के लिए छह संकल्प जारी किया। इन संकल्पों में आदिवासियों के लिए जल, जगल और जमीन पर अधिकार, वन उत्पादों पर भी एमएसपी लागू करने सहित कई घोषणाएं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज दिल्ली में प्रेस वार्ता में छह संकल्प जारी किए। इन संकल्पों में छह बिंदु हैं- सुशासन, सुधार, सुरक्षा, स्वशासन, स्वाभिमान और सब-प्लान।
छह संकल्प हैं- सुशासन: वन अधिकार अधिनियम (FRA) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया जाएगा, एक स्पेशल बजट रखा जाएगा, और विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी। हम 1 वर्ष के भीतर सभी लंबित FRA क्लेम्स का निपटान सुनिश्चित करेंगे। हम 6 महीने के अंदर सभी अस्वीकृत क्लेम्स की समीक्षा के लिए एक प्रक्रिया स्थापित करेंगे।
सुधार: मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में किए गए सभी संशोधनों को कांग्रेस वापस लेगी, जिनसे आदिवासियों को बड़े पैमाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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सुरक्षा: कांग्रेस सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उन सभी बस्तियों या बस्तियों के समूहों को अनुसूचित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां एसटी सबसे अधिक हैं।
स्वशासन: कांग्रेस PESA के अनुसार राज्यों में कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ‘ग्राम सरकार’ और ‘स्वायत्त जिला सरकार’ की स्थापना हो सके।
स्वाभिमान: कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया जाने वाला एमएसपी का अधिकार कानून, जो एमएसपी को कानूनी दर्ज़ा देगा वह छोटे वन उपज (MFP) को भी कवर करेगा।
सब प्लानः अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए बजटीय संसाधनों में संतुलित और पर्याप्त हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए 1970 के दशक के अंत में श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा शुरू की गई अनुसूचित जातियों और जनजातीय उपयोजना के लिए सब प्लान योजना को 2014 में मोदी सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था। कांग्रेस अनुसूचित जाति योजना और जनजातीय उप-योजना को पुनर्जीवित करने और इसे कानून द्वारा लागू करने योग्य बनाने की गारंटी देती है, जैसा कि कुछ राज्यों में कांग्रेस सरकारों ने किया है।