11 दिनों से चल रहे Kisan andolan के बावजूद सरकार कृषि कानून वापस लेने पर राजी नहीं है. इस बीच 8 जून के भारत बंद के समर्थन में INC, TMC,RJD,TRS, Left समेत अनेक विपक्षी दल कूद पड़े हैं.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) औरRJD के अलावा CPI, CPIM, CPI (ML) भी 8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया। दूसरी तरफ अनेक ट्रांस्पोर्ट एसोसिएशन ने भी भी इस दिन चक्का जाम करने का फैसला ले कर मोदी सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है.
तेजस्वी ने गिन के बताया कृषि कानून कैसे है किसानों के लिए आत्मघाती
उधर किसान संगठनों के बीच सिंघू बॉर्डर पर अहम बैठक चल रही है। इसमें आगे की योजनाओं पर चर्चा हो रही है।कांग्रेस के पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बताया कि हम आंदोलन के सपोर्ट में अपनी पार्टी ऑफिस में प्रदर्शन करेंगे। इससे राहुल गांधी के किसानों के प्रति सपोर्ट को मजबूती मिलेगी। वहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (TRS) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भारत बंद के सपोर्ट की घोषणा की। इससे पहले TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा था कि पार्टी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है और भारत बंद में उनका पूरा समर्थन करेगी।
इस बीच कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के किसानों को नए कानून से फायदा ही होगा, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारें उन्हें भड़का रही हैं।
कृषि कानूनों (new farm laws) के खिलाफ किसानों का विरोध के फिलहाल कम होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं. शनिवार को सरकार और किसानों के बीच हुई पांचवें दौर की बैठक की बेनतिजा रही . अब आठ दिसंबर को भारत बंद (Bharat bandh) होगा और 9 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता होगी.