किसानों को रौंदनेवाली घटना पर लखीमपुर फाइल्स भी बने : अखिलेश
कश्मीर फाइल्स की चर्चा पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनौती दी कि किसानों को जीप से रौंदनेवाली घटना पर लखीमपुर फाइल्स फिल्म भी बननी चाहिए।
कश्मीर फाइल्स की सराहना खुद प्रधानमंत्री ने की। उसके बाद भाजपा शासित राज्य इस फिल्म को टैक्स फ्री कर रहे हैं। आज असम के मुख्यमंत्री बिस्वा ने सरकारी कर्मियों को फिल्म देखने के लिए छुट्टी देने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा पर फिल्म निर्माता विनोद कापरी ने कहा-नफ़रत फैलाने की इतनी वीभत्स सरकारी मिसाल पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। इस हंगामे के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह किसानों को जीप से रौंद कर मारा गया, उस पर लखीमपुर फाइल्स फिल्म भी बननी चाहिए।
इस बीच लगातार कश्मीरी पंडितों के बयान आ रहे हैं कि फिल्म सच्चाई से दूर है और यह भाजपा के उद्देश्य के लिए प्रचार भर है कश्मीरी पंडितों के घाव भरने के बदले उसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। देखिए यह वीडियो-
Kashmiri Pandits, the actual victims of atrocities, unanimously call out 'Kashmir Files' saying its a BJP propaganda trying to exploit their wounds instead of healing them.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) March 16, 2022
pic.twitter.com/LSY2cI6C8h
इसी के साथ सवाल यह भी है कि क्या लखीमपुर में किसानों को रौंद कर मारे जाने की घटना पर कोई फिल्म बनती है, तो भाजपा सरकारें क्या टैक्स फ्री करेंगी, क्या प्रधानमंत्री सराहना करेंगे?
इस फिल्म में तथ्यों को किस प्रकार छिपाया गया जैसे उस समय केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार थी, इसकी चर्चा फिल्म में नहीं है, अब तक केंद्र में कई भाजपा सरकारें रहीं, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ साल से प्रधानमंत्री हैं, पर उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया, इसकी भी चर्चा फिल्म में नहीं है, इन सब बातों को भी सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने इस पर विशेष वीडियो तैयार किया, जिसे बड़ी संख्या में लोगों ने देखा है। उनका यह वीडियो देखिए जिसमें वे बता रहे हैं कि कश्मीर में पहली राजनीतिक हत्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के युसूफ हलवाई की हुई थी।
Dhanyawaad @Ashok_Kashmir साहब। pic.twitter.com/8tNAgbpeDP
— Avinash (@im_avinashmeena) March 16, 2022
यह अच्छा है कि कश्मीर फाइल्स के जरिये किस प्रकार एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की गई है, उस पर बहस छिड़ गई है। कई लोग सच्चाई लाने का प्रयास कर रहे हैं।
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