लालू-नीतीश की मुलाकात के बाद काम पर लौटे केके पाठक
लालू-नीतीश की मुलाकात के बाद काम पर लौटे केके पाठक।आते ही फिर दिखे एक्शन में। जो लोग पाठक के न आने की सोच रहे थे, उनमें फैली निराशा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव तथा तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद चर्चित आईएएस अधिकारी केके पाठक काम पर लौट आए। उन्होंने 31 जनवरी तक छुट्टी बढ़ाने का आवेदन दिया था, लेकिन शुक्रवार 19 जनवरी को ही फिर से ड्यूटी पर लौट आए। उनके काम पर लौटने को लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की मुलाकात का एक परिणाम माना जा रहा है। मालूम हो कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक और शिक्षा मंत्री चद्रशेखर के बीच पहले विवाद हो चुका है। हाल के दिनों में कोई नया विवाद नया हुआ है। इसलिए माना जा रहा है कि नीतीश कुमार और लालू यादव की मुलाकात में केके पाठक को शिक्षा विभाग में ही बनाए रखने पर सहमति बनी। केके पाठक के काम पर लौट आने से आम लोगों में संतोष देखा जा रहा है, वहीं लापरवाही कर्मियों और अधिकारियों में सनसनी फैल गई है।
केके पाठक पिछले दिनों छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन दिया था। आवेदन को मीडिया के एक हिस्से में उनका इस्तीफा बताया गया था। हालांकि वह एक दिन बाद ही स्पष्ट हो गया था कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि नियमों का पालन करते हुए स्वतः पद त्याग किया। उसके बाद प्रभार के तौर पर अन्य अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी। उनके छुट्टी पर रहने के दौरान ही करीब एक लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया। उनके छुट्टी पर जाने के बाद शिक्षा में सुधार की अपेक्षा रखने वाले लोगों में निराशा थी, लेकिन उनके ज्वाइन करने की खबर से खुशी देखी जा रही है।
केके पाठक ने पदभार ग्रहण करने की सूचना संबंधित अधिकारियों और विभागों को दे दी है। आज उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। कल शनिवार को वे अधिकारियों की विस्तृत बैठक करेंगे। कल वे कोई बड़ा फैसला लेंगे, ऐसा कहा जा रहा है। हाल के दशकों में वे सबसे चर्चित आईएएस अधिकारी हैं, जिनकी पहचान न सिर्फ विभाग और प्रशासन में है, बल्कि वे गांव-गांव तक जाने जाते हैं। उनकी छवि ईमानदारी अधिकारी की है। शिक्षा में सुधार के अपने बड़े निर्णयों के कारण भी वे सुर्खियों में रहे। हालांकि एक वर्ग उन पर तानाशाही का आरोप भी लगाता है, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र आईएएस अधिकारी हैं।
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