लालू को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह खासे चर्चा में हैं. लालू ने कई बार दबी जुबान में और बीते 4 अगस्त को सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनसे इंसाफ की उम्मीद नहीं.
चारा घोटाला मामले में सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने लालू यादव को दोषी करार दिया है. लालू पिछले पांच महीने से यह जान चुके ते कि उन्हें उनसे इंसाफ नहीं मिलेगा क्योंकि बकौल लालू जज साहब का रवैया ठीक नहीं लगा था.
लालू ने चार अग्सत को टेलिग्राफ की खबर में कहा था कि मुझे नहीं लगता कि इस कोर्ट से मुझे इंसाफ मिलने वाला है. इसलिए मैंने हाईकोर्ट में अर्जी लगायी है कि इस केस को किसी और बेंच में ट्रांस्फर किया जाये. लालू ने कहा ता कि इस केस में मेरे अलावा तमाम आरोपियों को केस की सुनवाई के दौरान मौजूद न रहने की आजादी दे दी गयी थी.
गवाह से पूछी उनकी जाति
लालू का आरोप था कि तीन अगस्त 2017 को पटना के डीजी रैंक के अधिकारी सुनील कुमार गवाही देने पहुंचे थे। जज साहब ने उनका नाम और पता पूछा। इसके बाद उन्होंने गवाह से जाति पूछी। जाति पूछने के बाद जज ने कहा कि उन्हें 10 अगस्त को समन किया गया था, वह आज कैसे आ गए? इसके बाद उन्होंने जिस कागज पर नाम-पता नोट किया था उसे फाड़ दिया.
लालू ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी ओपेन हार्ट सर्जरी हुई है। वह नियमित अंतराल पर दवा लेते हैं। इसके लिए उनके साथ एक अटेंडेंट हमेशा रहता है। एक सुनवाई के लिए लालू के अटेंडेंट को भी कोर्ट से बाहर कर दिया गया था।
लालू के खास भोला यादव को भी किया लज्जित
उस घटनाक्रम के दौरान लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने न्यायाधीश के व्यवहार को अशिष्ट बताते हुए यहा भी कहा कि न्यायाधीश ने लालू यादव के अटेंडेंट भोला यादव को भी कोर्ट रूम से लज्जित करके निकाल दिया था। नेशनल दस्तक की रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. उसके अनुसार वकील ने बताया कि लालू यादव हृदय रोग से ग्रसित हैं और उन्हें नियमित अंतराल पर पानी और दवाइयां लेनी होती हैं जिसकी वजह से उन्होंने भोला यादव को अपने अटेंडेंट के रूप में रखा हुआ है। वकील ने कहा कि जज ने अपनी याचिका खुद दायर करने का आदेश दिया।
30 जून 2017 को हुई सुनवाई में भी दोनों को दिलचस्प अंदाज में आमना-सामना हुआ था। लालू ने कोर्ट में हाथ जोड़कर आग्रह किया था कि जिद नहीं कर रहे हैं हुजूर, आग्रह कर रहे हैं। डे टू डे आने में परेशानी होती है। पॉलिटिकल आदमी हैं। उपस्थिति से छूट दी जाए। वैसे हुजूर को जब हमारी जरूरत होगी। हम आएंगे। हमारे वकील यहां रहेंगे ही। सामने राष्ट्रपति का चुनाव हैं, मुझे रैली भी करनी है।
लालू की यह बात सुनकर जज शिवपाल सिंह ने कहा, इंटरनेट का जमाना है आपको कुछ नहीं, कार्यकर्ताओं को सब कुछ करना है। हम जानबूझकर नहीं बुला रहे। नौ माह के भीतर मामले को खत्म करना है, इसलिए के दौरान शामिल होना होगा.
राजद एमएलए ने जो कहा..
राजद के एमएलए शक्ति यादव ने जज शिवपाल सिंह के बारे में विज्ञप्ति में बताया कि यह सोचने वाली बात है कि शनिवार को पहले यह तय किया गया कि लालू पर फैसला 11 बजे दिया जायेगा. लेकिन इसे अचानक टाल दिया गया. और फिर इस फैसले के लिए 3 बजे का समय तय किया गया. फैसला सुनाने से पहले जज साहब के फोन की घंटी बजी.