प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में मंगलवार को कहा कि कुंभ ने देश की एकता की भावना को मजबूत किया है। उन लोगों को भी जवाब मिल गया है जो इतने बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने पर शंका करते थे। इधर राहुल गांधी ने लोकसभा परिसर में पत्रकारों से कहा कि वे प्रधानमंत्री का समर्थन करना चाहते थे। कुंभ हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा रहा है। कुंभ में जिन लोगों की मृत्यु हुई, उन्हें श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जो युवा कुंभ गए थे, उनकी बात करना चाहता था कि उन्हें रोजगार चाहिए, लेकिन बोलने नहीं दिया गया। विपक्ष के नेता के नाते उन्हें बोलने का अवसर मिलना चाहिए था, लेकिन यह न्यू इंडिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के हर कोने से लोग पहुंचे। डेढ़ महीने तक लोग आते रहे। आने वाले हम की भावना से आ रहे थे, मैं की भावना को छोड़ कर आ रहे थे। कुंभ से देश की एकता को बल मिला है।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम बजट सत्र में कुंभ पर चर्चा की मांग कर रहे थे। यह नियम है कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के पहले सदन को जानकारी दी जाती है, लेकिन आज अचानक प्रधानमंत्री मोदी आए और कुंभ पर अपना वक्तव्य दे दिया। विपक्ष के नेता को भी बोलने का अवसर नहीं दिया। हम सरकार से कुंभ पर चर्चा की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने चर्चा की इजाजत ही नहीं दी। एकतरफा प्रधानमंत्री का संबोधन हो गया। कांग्रेस के कई सांसदों ने प्रधानमंत्री के एकतरफा वक्तव्य पर सवाल किया। जब प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर किसी को बोलने ही नहीं दिया, तो पूरी बात देश के सामने कैसे आएगी।