केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने आज अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। बजट में महंगाई, बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई नई बड़ी योजना या दृष्टि देने में पूरी तरह विफल है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट को कुर्सी बचाओ बजट कहा, तो राजद ने कहा कि यह ठेंगा बजट है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह कुर्सी बचाओ बजट है। सहयोगी दलों को खुश रखने के लिए खोखले वादे किए गए हैं। दूसरे राज्यों की उपेक्षा की गई है। डबल ए को खुश रखा गया है और आम आदमी को कोई राहत नहीं दी गई है। इसके बाद कॉपी-पेस्ट किया गया है।। कांग्रेस के घोषणापत्र तथा पिछले बजट की नकल साफ दिखती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने युवाओं के लिए कांग्रेस की योजना कॉपी-पेस्ट की और नाम बदल दिया। सारा देश महंगाई से जूझ रहा है, लेकिन बजट में महंगाई के खिलाफ कदम उठाने की बात नहीं की गई। इस बजट में सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए कुछ लोगों को खुश किया गया है। मालूम हो कि कांग्रेस ने हर ग्रेजुएट के लिए अप्रेटिसशिप की योजना शुरू करने तथा एक साल तक साढ़े आठ हजार रुपए हर महीने देने का वादा किया था। मोदी सरकार ने उसी तर्ज पर इंटर्नशिप योजना शुरू की है।
इधर राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा किकेन्द्रीय बजट को बिहार के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा है कि बजट में अन्य राज्यों के लिए जो सामान्य हिस्सेदारी है उसे हीं बिहार के लिए विशेष पैकेज बताकर बिहार के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। जदयू भले हीं अपनी साख बचाने और अपने को तसल्ली देने के लिए जो भी कहे पर वास्तविकता यही है कि भाजपा ने उसे ठेंगा दिखा दिया और जदयू चाहे जो भी तर्क दे पर हकीकत यही है कि उसने बिहार को धोखा देने का काम किया है।
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राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की एनडीए सरकार तो अपने गठन काल से हीं बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करती आ रही है। पर चुंकि इसबार वह जदयू के समर्थन से हीं सत्ता हासिल की है, इसलिए उम्मीद किया जा रहा था कि इसका लाभ बिहार को मिलेगा। जैसा कि जदयू के द्वारा भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात की जा रही थी। पर पिछले कई दिनों से जदयू के बदले तेवर से लगा कि विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष पैकेज के द्वारा हीं क्षतिपूर्ति की जाएगी। पर आज लोकसभा में पेश बजट में ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया। जिन हाईवे की चर्चा की गई है वो तो केन्द्र की पूर्व घोषित योजना का हीं अंश है। इसी प्रकार पूर्व स्वीकृत कई योजनाओं का रिपैकेजिंग किया गया है।