बिहार में भाजपा ने अपने सभी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। 17 प्रत्याशियों में 10 सवर्ण है, जबकि Kushwaha समाज से एक भी प्रत्याशी नहीं हैं। Kushwaha समाज के एक प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम नहीं छापने का निवेदन करते हुए कहा नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि भाजपा ने एक भी Kushwaha को टिकट नहीं देकर अच्छा नहीं किया है। वह हमारे समाज को बंधुआ न समझे। मालूम हो कि भाजपा ने भले ही एक भी Kushwaha को टिकट नहीं दिया हो, लेकिन दूसरी तरफ राजद ने इस मामले में उदारता दिखाई है। उसने अभी सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं, लेकिन जितने नाम घोषित हुए हैं उनमें तीन कुशवाहा को राजद ने प्रत्याशी बनाया है। राजद ने नवादा से श्रवण कुशवाहा, औरंगाबाद से अभय कुशवाहा तथा उजियारपुर से आलोक मेहता को प्रत्याशी बनाया है।
राजनीतिक जानकारों और जमीन से जुड़े राजनीतिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा ने जिस प्रकार कुशवाहा समाज की उपेक्षा की है, उसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। राज्य में यादवों के बाद कुशवाहा सबसे ज्यादा आबादी वाली पिछड़ी जाति है। भाजपा ने 17 में दस सवर्णों को टिकट दिया है। इनमें सबसे ज्यादा राजपूत प्रत्याशी हैं। भाजपा ने इस समाज से पांच नेताओं को टिकट दिया है। ब्राह्मण और बूमिहार से दो-दो प्रत्याशी दिए हैं तथा पटना साहिब से एकमात्र कायस्थ उम्मीदवार हैं। पिछड़ी जाति से चार प्रत्याशी हैं। इनमें तीन यादव और एक वैश्य हैं। कुशवाहा के लिए कोई जगह ही नहीं है। ऐसे में इस वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है, जो नवादा, औरंगाबाद, उजियारपुर में भाजपा के लिए भारी पड़ सकती है।
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एनडीए में शामिल जदयू ने दो कुशवाहा प्रत्याशी दिए हैं। एक पूर्णिया से तथा दूसरा सिवान से। वहीं उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी से एकमात्र प्रत्याशी हैं। उधर इंडिया गठबंधन में प्रत्याशियों के नाम घोषित होना बाकी है, लेकिन अभी तक राजद ने तीन तथा माले ने एक कुशवाहा प्रत्याशी घोषित कर दिया है।