कुशवाहा ने मोदी को किया नजरअंदाज, उठाया विरोध का झंडा

कल ही भाजपा सांसद सुशील मोदी ने सम्राट अशोक के अपमान के मुद्दे पर बात खत्म करने को कहा था, आज जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उठाया विरोध का झंडा।

आज Upendra Kushwaha ने सम्राट अशोक के अपमान के खिलाफ विरोध का झंडा उठा लिया। उन्होंने कहा कि जबतक दया प्रकाश सिन्हा से साहित्य अकादमी और पद्म पुरस्कार वापस नहीं लिया जाता, वे प्रतिवाद करते रहेंगे। ध्यान रहे कल ही भाजपा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि भाजपा ने सफाई दे दी है और इस मामले को यहीं बंद कर देना चाहिए। आज उपेंद्र कुशवाहा ने कड़ा प्रतिवाद करके जता दिया कि भाजपा की सफाई से ही बात खत्म नहीं होती, बल्कि जबतक पुरस्कार वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।

उपेंद्र कुशवाहा ने आज प्रेस बयान जारी कर कहा कि सिन्हा ने लिखा है कि सम्राट अशोक और औरंगजेब के चरित्र में काफी समानताएं हैं। सिन्हा ने कहा है कि दोनों ने अपनी शुरुआती जिंदगी में कई पाप किए, फिर छिपाने के लिए अति धार्मिकता का सहारा लिया। सिन्हा सम्राट अशोक के विश्व में योगदान पर हमला कर रहे हैं। सम्राट अशोक के योगदान को हमारे राष्ट्र ने कई अवसरों पर स्वीकार किया है। आज हमारे यहां राष्ट्रीय झंडा में अशोक चक्र को अहम स्थान मिला हुआ है। अशोक स्तंभ की अपनी प्रतिष्ठा है।

ऐसे में दया प्रकाश सिन्हा के सम्राट अशोक पर किसी भी तरह के आपत्तिजनक लेखन को साहित्य अकादमी पुरस्कार देकर मान्यता देना शर्मनाक है। सिर्फ उनकी सफाई से संतुष्ट होने का सवाल ही नहीं है। उनका लेखन देश की अस्मिता पर हमला है। साहित्य पुरस्कार वापसी और पद्म पुरस्कार की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं किया जा सकता। अब माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा जैसे बड़े नेता के विरोध के बाद पुरस्कार वापस लेने की मांग जोर पकड़ेगी। भाजपा नेता पुरस्कार वापसी के मुद्दे को गोल कर देना चाहते हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के कड़े प्रतिवाद के बाद भाजपा नेतृत्व को भी सोचने पर मजबूर होना होगा।

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By Editor