कुशवाहा ने PM से बनाई दूरी, महिला आरक्षण में पिछड़ों का उठाया सवाल
कुशवाहा ने PM से बनाई दूरी, महिला आरक्षण में पिछड़ों का उठाया सवाल। कहा- महिला आरक्षण के भीतर पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की महिलाओं को मिले आरक्षण।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने संसद में पेश महिला आरक्षण के लिए प्रधानमंत्री को साधुवाद देते हुए एक बड़ी मांग कर दी। उन्होंने महिला आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग की। कहा कि महिला आरक्षण के भीतर पिछड़ी और अतिपिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। कुशवाहा ने भाजपा की लाईन को हू-ब-हू स्वीकार करने के बजाय अपनी स्वतंत्र लाइन ली है। वैसे भी वे उनकी राजनीति सामाजिक न्याय की धारा वाली रही है। अब भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा रहते हुए भी उन्होंने अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखी है।
उधर बिहार से एनडीए के दूसरे घटक लोजपा के चिराग पासवान ने हालांकि महिला आरक्षण के भीतर पिछड़ों के आरक्षण की बात की, लेकिन उनका पूरा जोर प्रधानमंत्री के समर्थन के साथ ही विपक्ष को भी कटघरे में खड़ा करने पर था। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य महिला आरक्षण के भीतर आरक्षण की बात उठा रहे हैं, लेकिन जब इनकी खुद की सरकार थी, तब ऐसा क्यों नहीं किया। उन्होंने लालू प्रसाद का नाम लिये बिना कहा कि पहले जब बिल लाया गया, तो इन्हीं दलों ने बिल को बेहतर बनाने के नाम पर बिल को पास नहीं होने दिया।
एनडीए की एक अन्य घटक अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने भी लोकसभा में आरक्षण के भीतर आरक्षण की बात उठाई। यही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि सदन में आरक्षण के भीतर पिछड़ों के लिए आरक्षण की मांग उठाई गई है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई नेताओं ने इस सवाल को उठाया है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अनुप्रिया पटेल ने चिराग पासवान की तरह विपक्ष पर हमला नहीं किया, बल्कि कहा कि उनकी मांग सही है।
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या मोदी सरकार इस बिल में संशोधन करेगी और प्रस्तावित बिल में पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करती है या नहीं। अगर मोदी सरकार ऐसा करती है, तो इससे पिछड़ी-अतिपिढ़ी जाति की महिलाओं को भी न्याय मिलेगा। अगर सरकार ने संशोधन नहीं किया तो भविष्य में यह राजनीतिक मुद्दा बनेगा।
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