राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने आज कहा कि चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम-आईएएस) से हो रही बच्चों की मौत रोक पाने में विफल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव कराना चाहिए।
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुजफ्फरपुर में एईएस से बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है, जो बेहद ही दुखद है। मुख्यमंत्री श्री कुमार से अब बिहार संभल नहीं रहा है और ऐसे में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर विधानसभा का चुनाव कराना चाहिए।
श्री कुशवाहा ने कहा कि श्री कुमार हर मोर्चे पर अब तक विफल साबित हुए हैं तथा एईएस से बच्चों की हो रही मौत इसका ताजा उदाहरण है। इसी तरह विधि-व्यवस्था भी पूरी तरह से चौपट हो गई है। राजधानी पटना में दिनदहाड़े जब स्वर्ण आभूषण की दुकान से करोड़ों रुपए की डकैती हो जा रही है तब जिलों में क्या स्थिति होगी यह समझा जा सकता है।
रालोसपा अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि श्री कुमार के पास कहने के लिए अब कुछ बचा ही नहीं है इसलिए मीडिया के हर सवाल पर वह गुस्से से लाल हो जा रहे हैं। बच्चों की मौत रोकने की खानापूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि एईएस से पीड़ित बच्चों के लिए अभी तक क्या कार्रवाई की गई है यह सरकार को बताना चाहिए।
श्री कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार पिछले डेढ़ दशक से पद पर बने हुए हैं, इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो पाया है। अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है जबकि इलाज के लिए मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जा सकी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर ही सुशासन दिखाई पड़ता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि बिहार में 11861 अस्पताल है लेकिन इस अनुपात में डॉक्टर नहीं हैं। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि 8182 से अधिक अस्पतालों में एक भी डॉक्टर नहीं हैं। इसी तरह अनुबंधित चिकित्सकों की 75 प्रतिशत सीट खाली हैं।