क्या मो. जुबैर से डर गई सरकार, फैक्ट चेकर्स पर नकेल के लिए आ रहा बिल
क्या मो. जुबैर से डर गई सरकार, फैक्ट चेकर्स पर नकेल के लिए आ रहा बिल। केंद्र एक बिल ला रहा है, जिसके तहत हर फैक्ट चेकर को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
मो. जुबैर उस युवा फैक्ट चेकर का नाम है, जिसने वीडियो से छेड़छाड़ करके समाज में तनाव फैलाने का बार-बार पोल खोला है। मो. जुबैर झूठ, फर्जी और तनाव फैलानेवाले वीडियो को बेनकाब करते रहे हैं। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। अभी हाल में महिला पहलवानों को सड़क पर गिरा कर घसीटा गया, फिर उन्हें हिरासत में लिया गया। उनकी बस में बैठी तस्वीर को कुछ लोगों ने छेड़छाड़ करके उनके गंभीर चेहरे को हंसता हुआ बना दिया। फिर कहा गया कि देखिए ये किस प्रकार हंस रही हैं। इनका विरोध नाटक था। लेकिन ये फैक्ट चेकर ही थे, जिन्होंने पोल खोल दी और असली तस्वीर सामने ला दी, जिसमें वे बस में उदास बैठी हैं। लगता है कि सरकार को यह काम पसंद नहीं। इसीलिए वह एक बिल ला रही है।
‘Fake News se darr nahi lagta saheb, Wo toh humare apne hain…’
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 22, 2023
‘Fact Checkers se lagta hai..’
~Govt pic.twitter.com/O69j9x90Yf
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार डिजिटल मीडिया में काम करने वाले फैक्ट चेकर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। जाहिर है कि यह डिजिटल मीडिया पर नकेल कसने की तैयारी है। कभी यही सोशल मीडिया था, जिसमें विपक्षी नेताओं के बयान भाषणों को किस प्रकार तोड़-मरोड़ कर मजाक बनाया गया, लेकिन फैक्ट चेकर्स के कारण अब नफरती, फर्जी वीडियो बनाने वाले टिक नहीं पा रहे। बिहार सरकार और तमिलनाडु सरकार में तनाव पैदा करनेवाला फर्जी यूट्यूबर मनीष कश्यप का भी मो. जुबैर ने पर्दाफाश किया था। आज कश्यप जेल में है।
आंकड़े बताते हैं कि अखबार अब पिछड़ रहे हैं, टीवी के दर्शक कम हो रहे हैं, जबकि डिजिटल मीडिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी ताकत बढ़ रही है। राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा को मुख्य टीवी चैनलों ने नहीं दिखाया, पर यह डिजिटल मीडिया ही है, जिसने भारत जोड़ो यात्रा को घर-घर पहुंचा दिया। इसकी बढ़ती ताकत पर सरकार नियंत्रण नहीं बना पाई है। तो क्या बिल ला कर डिजिटल मीडिया को कसने की तैयारी की जा रही है। सरकार बिल का प्रारूप तैयार कर रही है। जल्द ही मसौदा सामने होगा।
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