क्या फिर राहुल की राह चलेने को मजबूर होंगे मोदी
आज राहुल गांधी ने कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखत हुए प. बंगाल की अपनी सभी चुनावी रैली रद्द कर दी। क्या एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी का अनुसरण करेंगे?
इससे पहले राहुल गांधी ने देश में कोविड टीकाकरण की धीमी रफ्तार की आलोचना करते हुए विदेशों में निर्मित वैक्सीन आयात करने और उसका उयोग करने की मांग की थी। तब भाजपा नेताओं ने राहुल का मजाक उडाया था।
भाजपा नेताओं ने तब राहुल पर विदेशी दवा कंपनियों के लिए लॉबी करने अर्थात दलाली करने का आरोप तक लगाया था। लेकिन बाद में भारत सरकार ने विदेशी टीके के आयात की घोषणा की।
एक बार फिर राहुल ने प. बंगाल में अपनी रैली रद्द करके वही स्थिति पैदा कर दी है। आज राहुल को रैली रद्द करने पर भगोड़ा कहा जा रहा है।
लेकिन देश में जो विकराल हालात बन रहे हैं, खुद देश के एक केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने अपने भाई के लिए अस्पताल में बेड दिलाने की गुहार लगाई, जो ट्विट बाद में डिलिट कर दिया गया, बताता है कि स्थिति कितनी भयावह है। श्मशान घाट में शवों को जलाने के लिए लाइन लग रही है।
ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। कल तक जो पत्रकार पानी पी-पीकर राहुल को कोसते थे, वे आज युवा कांग्रेस से मदद मांग रहे हैं।
ऐसी विस्फोटक स्थिति में चुनावी रैली रद्द करके राहुल ने एक उदाहरण पेश कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैली रद्द करके एकबार फिर राहुल का अनुसरण करेंगे?
इधर बिहार कांग्रेस ने अपने प्रदेश कार्यालय सहित सभी जिला कार्यालयों को अस्पताल बनाने का सरकार को प्रस्ताव दिया है। प्रेमचंद मिश्रा ने यह प्रस्ताव देते हुए भाजपा-जदयू से पूछा है कि क्या वे अपने पार्टी दफ्तरों को कोविड मरीजों के लिए देने को तैयार हैं?