लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का सुपड़ा साफ हो गया। इसके साथ ही विधान सभा क्षेत्रों में भी महागठबंधन के घटक दलों का सफाया हो गया है। मुकेश सहनी की वीआईपी को एक भी विधान सभा सीट पर बढ़त नहीं मिली, जबकि लोकसभा की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने वाली उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को मात्र एक विधान सभा क्षेत्र में बढ़त मिली है।
राघोपुर में मात्र 242 वोटों से राजद को मिली बढ़त
————– वीरेंद्र यादव ————
राजद को मात्र 9 और कांग्रेस को मात्र 5 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली है। हम को 2 और माले को मात्र 1 सीट पर बढ़त मिली है।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, एनडीए के घटक दलों को 225 सीटों पर बढ़त मिली है। इसमें भाजपा को 96, जदयू को 94 और लोजपा को 35 सीटों पर बढ़त मिली है। नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव के विधान सभा क्षेत्र राघोपुर में मात्र 242 वोटों की बढ़त राजद को मिली है। मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में मात्र मोकामा में कांग्रेस को 869 वोटों की बढ़त मिली है। रालोसपा को काराकाट लोकसभा क्षेत्र में मात्र गोह विधान सभा क्षेत्र में बढ़त मिली है, जबकि हम के उपेंद्र प्रसाद को औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के रफीगंज और गुरुआ विधान सभा में बढ़त मिली है। माले को सिर्फ आरा के अगिआंव विधान सभा क्षेत्र में बढ़त मिली है। कांग्रेस के तारिक अनवर को कटिहार के बलरामपुर विधान सभा क्षेत्र में लगभग 54 हजार की बढ़त मिली है।
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के मनेर, मसौढ़ी और पालीगंज विधान सभा क्षेत्र में राजद की मीसा भारती को बढ़त मिली है, जबकि जहानाबाद में राजद के सुरेंद्र यादव को जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है। अररिया लोकसभा क्षेत्र के अररिया और जोकीहाट में राजद को बढ़त मिली है। किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में कांग्रसे के मो. जावेद निवाचित हुए हैं। उन्हें सिर्फ अमौर और बायसी विधान सभा क्षेत्र में बढ़त मिली है।
राजद के प्रमुख नेता व विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी, चंद्रिका राय, ललित यादव, तेज प्रताप यादव, सुरेंद्र यादव अपने विधान सभा क्षेत्रों में पिछड़ गये हैं। हम के जीतनराम मांझी भी पिछड़ गये हैं।