Ashfaque-Rahman नागरिकता विरोधी आंदोलन नेतृत्व उभार का सुनहरा अवसर है- Ashfaque Rahman

राजद के सारे पद लालू परिवार ने अपने पास रख लिए हैं। मुसलमानों का वोट चाहिए, पर हिस्सेदारी देने के वक्त मुसलमानों के हिस्से ठन-ठन गोपाल। ये कहना है जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक़ रहमान का। उन्होंने कहा कि विधान परिषद में राजद के एक से एक नेता हैं, लेकिन नेता राबड़ी देवी को बना दिया गया है।

अशफाक रहमान ने कहा कि विधान परिषद में अब्दुल बारी सिद्दीक़ी जैसे वरिष्ठ तथा अनुभवी नेता को भेजने का फिर क्या मतलब रह जाता है? उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया, राज्यसभा नहीं भेजा गया, एमएलसी बना दिया तो कम से कम सम्मान तो करते. वे लालू प्रसाद के समकक्ष नेता हैं. राबड़ी देवी का उनसे कोई मुक़ाबला ही नहीं है. मगर परिवार लालू के लिए प्रिय है, मुसलमान नहीं.

जेडीआर नेता ने कहा कि राबड़ी देवी विधान परिषद में, तेजस्वी यादव विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता, बहन मीसा भारती सांसद, एक भाई तेज़ प्रताप विधायक अथार्त पूरा कुनबा ने आपस में पद बांट लिया है और मुसलमान को क्या मिला ठनठनगोपाल. यानी न उसे पद दिया जाता है, न टिकट और न अपने पास बैठने दिया जाता है. जबकि 95 फ़ीसद मुसलमान उनके वोटर हैं. यही कारण है कि राजद के मुस्लिम कार्यकर्ता, नेता का पार्टी से मोहभंग हो रहा है और टूट कर जन सुराज से जुड़ रहे हैं.यही रुझान रहा तो राजद पूरी तरह समाप्त हो जायेगा। 2025 के विधानसभा चुनाव में ही यह देखने को मिल सकता है।

रहमान ने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनता दल बहुत जल्द ख़त्म हो जाएगा, उसकी एक वजह जन सुराज के प्रशान्त किशोर हो सकते हैं लेकिन, लालू की पार्टी का वजूद समाप्त होने का असल कारण ख़ुद राजद होगा. जिस तरह से पार्टी परिवारवाद के चंगुल में फंस गयी है, वहां से निकलना तेजस्वी यादव के लिए मुश्किल होगा.

.यह पूरी तरह से अफ़वाह है कि प्रशान्त किशोर बीजेपी की बी टीम है. पहले कांग्रेस का बी टीम कहा जाता था अब बीजेपी के बी टीम बोलने का फ़ैशन चल पड़ा है. प्रशान्त किशोर का चाल, चरित्र, चेहरा ऐसा नहीं है कि मुसलमान उसे हज़म नहीं कर पाये. पढ़े-लिखे हैं, अच्छे ब्राह्मण हैं. श्रेष्ठ कुल से आते हैं. इसलिए मुसलमान उनके साथ जायेंगे ही जायेंगे. चुनाव में पैसा खर्च करेंगे. उनके पास बेहतरीन टीम है. ख़ुद रणनीतिकार हैं. राजद में मुस्लिम कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहा तो वह जायेंगे कहां? इसलिए बड़ी संख्या में लोग प्रशान्त किशोर की तरफ़ देख रहे हैं. यदि ऐसा हुआ तो 500 भी मुस्लिम वोटर राजद के पास नहीं रहेगा. यह भी मुमकिन है कि जो मुसलमान जदयू की तरफ़ गये हैं वह भी पलट कर प्रशान्त किशोर के साथ आ जायें.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जो दो-चार प्रतिशत मुसलमान हैं वह वहां पर मजबूरी के तहत या ख़ानदानी पार्टी के नाम पर परदादा के वक़्त से चले आ रहे हैं। चूंकी दादा वोट देते थे और अब अब्बा वोट देते आ रहे हैं इसलिए वह भी कांग्रेस को वोट दे रहे हैं. बचे खुचे इतने ही मुसलमान कांग्रेस के साथ रह जायेंगे. मगर 80-85 प्रतिशत मुस्लिम वोटर को उम्मीद है प्रशान्त किशोर जोड़ लेंगे. क्योंकि इनके पास सूझबूझ है और सभी समझदार लोगों को सम्मानित व्यवस्था में पार्टी से जोड़ रहे हैं.

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अशफाक़ रहमान कहते हैं कि प्रशान्त किशोर को भी मुसलमानों के प्रति ईमानदार रहना होगा.कुछ और अच्छे लोगों को जोड़ते हुए अगर दिशा आगे की तरफ़ चाहते हैं तो संभवतः 2025 में बिहार की सत्ता भी इनके पास आ सकती है.मगर शर्त यह है कि उन्होंने एक बात कही है कि 40 प्रतिशत लोग मान लीजिए भाजपा के साथ है लेकिन 40 प्रतिशत लोग तो हैं जो भाजपा के विरोधी हैं.उन 40 प्रतिशत के साथ बचे 20 प्रतिशत मुसलमान मिल जायें तो उनसे नम्र निवेदन यही है कि जब वह कल मंत्रालय बनायें तो विकास कार्य केलिए छह मंत्री बनते हैं तो वह चालीस प्रतिशत से बनेंगे और बीस प्रतिशत से दो बनेंगे.चार और दो के रेशियों में लेकर चलते हैं तो सम्भवतः अगली सत्ता 2025 में उनकी ही होगी,वह मुख्यमंत्री भी हो सकते या अगला मुख्यमंत्री उनके द्वारा ही हो सकता है.मगर इसी तुलना में मुसलमानों को हिस्सेदारी देनी होगी.

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By Editor


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