लालू के घर छापा : जातीय जनगणना पर नर्वस हो गई भाजपा!
लालू प्रसाद के यहां CBI छापे के क्या कारण हैं? कहीं भाजपा जातीय जनगणना पर नर्वस तो नहीं हो गई? राजद ने बनाया राजनीतिक मुद्दा। नीतीश को भी संदेश!
आज सुबह-सुबह लालू प्रसाद के परिवार पर छापे की खबर ने सबकों चौंका दिया। बंगाल में चुनाव था, तब ममता बनर्जी के करीबियों के यहां छापे पड़े। यह प्रयोग कई राज्यों में देखा जा रहा है। बिहार में तो कोई चुनाव भी नहीं है, फिर लालू प्रसाद के परिजनों के घर छापे का क्या अर्थ है? छापेमारी के बाद सबसे खास बात यह कि राजद नेता-कार्यकर्ता सहमे नहीं, न हताश हुए, बल्कि वे सड़क से सोशल मीडिया तक प्रतिवाद में उतर आए। छापेमारी को पार्टी ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया। आम लगों की पहली प्रतिक्रिया भी बीमार लालू प्रसाद की सहानुभूति में ही दिख रही है। छापेमारी का एक तीसरा पक्ष भी है कि क्या इसमें नीतीश कुमार के लिए भी कोई संदेश छिपा है?
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि भाजपा जातीय जनगणना के मुद्दे पर परेशान है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की एकता से वह दबाव में है। अगर बिहार में जातीय जनगणना हुई, तो भाजपा की सवर्ण केंद्रित राजनीति को गहरा धक्का लग सकता है। जातीय जनगणना से राज्य की राजनीति पूरी तरह बदल जा सकती है। एक सवाल यह भी है कि क्या लालू प्रसाद के यहां छापेमारी में नीतीश कुमार के लिए भी कोई संदेश है? एक संदेश तो साफ है कि अगर इतने पुराने मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ छापेमारी हो सकती है, केस दर्ज हो सकता है, तो नीतीश कुमार के खिलाफ भी कोई मामला गढ़ा जा सकता है। ऐसा सोचने का आधार यह है कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार को लेकर भाजपा परेशान रही है। जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार राजद के साथ हैं और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की इच्छा के विपरीत इस मुद्दे पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं।
इस बीच छापेमारी सेे राजद में कोी निराशा नहीं दिख रही है, बल्कि राजद सड़क से सोशल मीडिया तक प्रतिरोध में उतर आया है। सड़क पर बैनर लगाए गए हैं कि लालू प्रसाद डरनेवाले नहीं हैं। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पहल पर जातीय जनगणना के सवाल पर हो रही गोलबंदी से भाजपा की घबराहट और बेचैनी काफी बढ गई है। हताश होकर दलों और नेताओं पर दबाव बनाने और भय पैदा करने के उद्देश्य से आज सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस गीदड़भभकी से राजद डरने वाला और पीछे हटने वाला नही है। भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने कहा-जब जब आपकी सरकार हिलती है, जन उभार की राजनीति होती है, आपके विरुद्ध सामाजिक और राजनीतिक गोलबंदी होती है, तब आप भय और खौफ़ की राजनीति करते हैं! एक के माध्यम से दूसरे को डराने की कोशिश करते हैं! यह जान लीजिए कि कोई नहीं डरेगा! ना हम और ना ही कोई और!
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