लालू ने नीतीश को क्यों कहा खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे
बढ़ते अपराध पर सवाल से नीतीश का आगबबूला होना चर्चा का विषय बन गया, तो लालू प्रसाद चुप क्यों रहते। उन्होंने मुहावरे में कटाक्ष किया।
आज एक पत्रकार के सवाल पर मुख्यमंत्री बेहद खफा हो गए। इसका वीडियो वायरल हो गया। सवाल जनहित में किया गया था कि अपराध क्यों बढ़ रहे हैं, क्या आपका इकबाल खत्म हो गया है? जवाब देने के बजाय मुख्यमंत्री बेहद नाराज हो गए और पत्रकार से कहने लगे आप किसके समर्थक हैं। इस पूरे वाकये पर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सिर्फ दो लाइनों में अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। कमजोर आदमी को बहुत गुस्सा आता है।
सवाल था कि 12 जनवरी को युवा दिवस के दिन इंडिगो के युवा स्टेशन मास्टर की हत्या कैसे हो गई। रोज-रोज हत्या, लूट, दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं, क्या सरकार का इकबाल और अपराधियों में भय खत्म हो गया है? इसी सवाल पर मुख्यमंत्री भड़क गए। लालू प्रसाद अपने देसी अंदाज में संवाद करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने उसी पुराने अंदाज में कहा-खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। उन्होंने यह भी कह दिया कि नीतीश कुमार पहले वाले नीतीश कुमार नहीं हैं। अब वे कमजोर हो गए हैं।
नीतीशजी! सवाल पूछने पर आपा खोना,तानाशाही है या चिड़चिड़ापन?
मालूम हो कि नीतीश कुमार के जनता दल के पास सिर्फ 43 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 74 विधायक हैं। इतने कम विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री बनना मजबूती नहीं, कमजोरी की निशानी है। वे अब पूरी तरह दूसरे पर निर्भर हैं।
देसी मुहावरों में बड़ा दम होता है। आप जो एक पन्ना लिखकर नहीं कह सकते, वह एक लाइन में कह सकते हैं। लेखिका और पत्रकार मृणाल पांडेय ने भी देसी अंदाज में टिप्पणी की है। उन्होंने भी एक लाइन में ही बड़ी बात कही। लिखा- दाढ़ी का गुस्सा जुलाहों पर झरै। टिप्पणी के साथ उन्होंने नीतीश कुमार के गुस्सा होते वीडियो भी अटैच किया है।