राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के ऑफर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने लालू के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा। यह भी नहीं कहा कि अब कहीं नहीं जाएंगे। वे मुस्कुरा कर चल दिए। याद रहे आज ही लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऑफर दिया कि वे साथ आ जाएं, उनके लिए दरवाजे खुले हैं। इस बीच कांग्रेस ने भी आज बड़ा ऑफऱ दे दिया। पूरी राजनीति गरमा गई है। भाजपा सन्न है।
आज ही जदयू की नेता और मंत्री शीला मंडल भी पत्रकारों से मुखातिब थीं। उन्होंने ने भी लालू परिवार के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा। समस्त बिहारवासियों को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी। कहा कि बिहार और देश की राजनीति माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमती है। हमारे नेता ने समाज के शोषित और वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया है। बिहार की आधी आबादी भी नीतीश कुमार की कार्यशैली से खासी प्रभावित हैं।
इधर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि वे गोडसेपंथियों का साथ छोड़ कर गांधीवादी शक्तियों के साथ आ जाएं। इंडिया गठबंधन उनका स्वागत करने को तैयार है। कहा जा रहा है कि अगर नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में साथ आते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय संयोजक बनाया जा सकता है।
इस बीच नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से भी पत्रकारों ने लालू से उनकी मुलाकात पर सवाल कर दिया। इस पर राज्यपाल भड़क गए। कहा कि आप किसी शहर में जाते हैं, तो पुराने परिचित लोगों से मिलते हैं या नहीं। मैं इन लोगों को (लालू परिवार) 1975 से जानता हूं।
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इतना तो साफ दिख रहा है कि लालू प्रसाद के एक बयान के बाद से राज्य की राजनीति गरमा गई है। भाजपा को कुछ कहते नहीं बन रहा और नीतीश कुमार मुस्कुरा रहे हैं। सवाल है कि क्या खिचड़ी पक रही है, क्या नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने वाले हैं?