लालू प्रसाद ने अपने खिलाफ फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती
चारा घोटाले मामले में सीबीआई की अदालत ने लालू प्रसाद को पांच वर्ष की कैद तथा 60 लाख रुपए जुर्माना का फैसला दिया। लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट में दी चुनौती।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला के एक मामले में लालू प्रसाद को पांच साल की कैद तथा 60 लाख रुपए जर्माना की सजा दी थी। कोर्ट ने बीते 21 फरवरी को सजा सुनाई। सिर्फ तीन दिन बाद ही लालू प्रसाद ने निचली अदालत के इस फैसले को चुनौती दी है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने डोरंडा कोषागार से लगभग 139. 35 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में सजा सुनाई है। अब लालू प्रसाद ने फैसले को चुनौती देने के साथ ही नियमित बेल देने के लिए भी आवेदन दिया है। अधिवक्ताओं का मानना है कि हाईकोर्ट लालू प्रसाद को बेल दे सकता है।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अधिवक्ता की कोशिश है कि लालू प्रसाद को होली से पहले नियमित जमानत मिल जाए।
सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के साथ ही राजद ने एक दूसरे स्तर पर भी संघर्ष तेज कर दिया है। पार्टी ने जनता के बीच जाने का फैसला किया है, ताकि लोगों को सच्चाई से अवगत कराया जा सके। लोगों को बताया जा रहा है कि किस प्रकार बड़े-बड़े घोटालेबाज देश छोड़ कर फरार हो जा रहे हैं, पर भाजपा सरकार कुछ नहीं कर पा रही। वहीं भ्रष्टाचार के गंभीक मामलों में लिप्त नेता जैसे ही भाजपा ज्वाइन करते हैं, उनके खिलाफ जांच बंद कर जाती है। चूंकि लालू प्रसाद ने भाजपा के आगे झुकने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें इस तरह फंसाया जा रहा है। यही बात कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कही थी कि भाजपा के आगे घुटने न टेकने का बदला लिया जा रहा है।
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