लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को पटना में थे। दोपहर एक बजे उन्होंने संविधान रक्षा सम्मेलन को संबोधित किया। इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। दिल्ली लौटने से पहले वे लालू परिवार से मिलने पहुंचे। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आगे बढ़कर उनका स्वागत किया। फिर वे लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और अन्य नेताओं से मिले। सांसद मीसा भारती ने उन्हें शॉल देकर सम्मानित किया, जबकि तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को डॉ. आंबेडकर की तस्वीर भेंट की।
मिल रही जानकारी के अनुसार लालू-प्रसाद, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के बीच भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे खासकर मोहन भागवत के राष्ट्रविरोधी बयान के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाने पर सहमति बनी। आज ही पटना में राजद की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक थी, जिसमें राजनीतिक प्रस्ताव पारित करके संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का विरोध किया गया। भागवत ने कहा था कि भारत को सच्ची आजादी 1947 में नहीं, पिछले साल राम मंदिर के उद्घाटन के बाद मिली।
इससे पहले राहुल गांधी ने बापू सभागार में 250 से अधिक गैरसरकारी सामाजिक-राजनीतिक संगठनों द्वारा आयोजित संविधान रक्षा सम्मेलन को संबोधित किया। खचाखच भरे सभागार में राहुल गांधी ने संघ और भाजपा के बारे में कहा कि ये लोग भारत का संविधान खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हम उनकी साजिश सफल नहीं होने देंगे।
राहुल गांधी ने बिहार में हुई जाति गणना को फर्जी बताया और कहा कि हम सचमुच जाति गणना कराएंगे। और बड़ी बात यह कि जाति गणना के बाद उसके अनुसार कमजोर वर्गों के लिए कार्यक्रम बनाए जाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के कई दलित-पिछड़े वर्ग के सांसद कहते हैं कि वे सांसद तो बन गए, लेकिन पावर कहीं और है। उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए सांसद बनाया गया है। राहुल ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक हिस्सेदारी से कुछ नहीं होगा, सत्ता में, पावर में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।